दिल्ली के प्रदूषण ने तोड़ा 8 साल का रिकॉर्ड, सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली में दिसंबर के पहले 18 दिनों में वायु प्रदूषण ने बीते आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एक्यूआई 461 तक पहुंचने के बाद हालात गंभीर हो गए, जिससे ग्रेप-4 लागू करना पड़ा।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 21 December 2025, 4:45 AM IST
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New Delhi: राजधानी दिल्ली में दिसंबर की ठंड के साथ इस बार जहरीली हवा ने भी लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ा दी हैं। ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि लोगों को सांस लेना तक मुश्किल महसूस हो रहा है। सुबह-शाम घना धुंध और स्मॉग राजधानी को अपनी चपेट में लिए हुए है।

दिसंबर की शुरुआत से ही बिगड़ी रही हवा की स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर की शुरुआत से ही दिल्ली की हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है। पहले 18 दिनों में ही राजधानी ने बीते आठ वर्षों का सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज कर लिया है। यह स्थिति बताती है कि इस साल दिसंबर में प्रदूषण ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

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लगातार 300 के पार रहा एक्यूआई

सीपीसीबी के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर के पहले आठ दिनों तक लगातार एक्यूआई 300 के ऊपर दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इसी का असर यह रहा कि पूरे महीने का औसत एक्यूआई करीब 343 तक पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार इतनी अधिक औसत वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए।

14 दिसंबर को टूटा 8 साल का रिकॉर्ड

प्रदूषण की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 14 दिसंबर को दिल्ली का एक्यूआई 461 दर्ज किया गया। यह स्तर ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है और बीते आठ वर्षों में दिसंबर महीने का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इस दिन दिल्ली की हवा लगभग आपातकालीन स्थिति में पहुंच गई थी, जिससे अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या भी बढ़ गई।

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मौसम और स्थानीय कारणों ने बढ़ाई समस्या

विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के मौसम में हवा की रफ्तार कम होना, तापमान में गिरावट और नमी बढ़ने से प्रदूषक कण वातावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं। इसके अलावा वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन और आसपास के राज्यों में पराली जलाने का असर भी दिल्ली की हवा को और जहरीला बना रहा है।

ग्रेप-4 लागू, पाबंदियां हुई सख्त

बिगड़ते हालात को देखते हुए 13 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का सबसे सख्त चरण यानी स्टेज-चार लागू करना पड़ा। इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों पर सख्ती और उद्योगों पर नियंत्रण जैसे कड़े कदम उठाए गए। प्रशासन का कहना है कि यह कदम लोगों को गंभीर स्वास्थ्य संकट से बचाने के लिए जरूरी था।

आम लोगों पर बढ़ा प्रदूषण का असर

जहरीली हवा का सीधा असर आम लोगों की दिनचर्या पर पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चों, दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और बुजुर्गों को खास परेशानी झेलनी पड़ रही है। डॉक्टरों की सलाह है कि लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें, मास्क का उपयोग करें और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाएं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 21 December 2025, 4:45 AM IST