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राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से 370 के बीच पहुंच गया है। GRAP-4 लागू होने के बाद कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है और ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। जानिए किन इलाकों में हालात सबसे ज़्यादा खराब हैं।
दिल्ली के किन इलाकों में सबसे ज्यादा प्रदूषण (img Source: google)
New Delhi: दिल्ली-एनसीआर में ठंड और हवा में प्रदूषण के कॉम्बिनेशन ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सुबह घरों से बाहर निकलने वालों के लिए आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत आम समस्या बन गई है। बुधवार सुबह करीब 6 बजे, राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया, जो बहुत खराब से गंभीर कैटेगरी में आता है।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB), दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) और IMD के मॉनिटरिंग स्टेशनों के डेटा के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में स्थिति गंभीर कैटेगरी के करीब पहुंच रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मौसम में कोई बदलाव नहीं हुआ तो स्थिति और खराब हो सकती है।
सरकारी डेटा के अनुसार, बवाना, मुंडका, रोहिणी, जहांगीरपुरी, वज़ीरपुर और द्वारका जैसे इलाकों में AQI 360 से 380 के बीच रिकॉर्ड किया गया। आनंद विहार, विवेक विहार, अशोक विहार और सिरी फोर्ट में भी स्थिति बहुत खराब बनी हुई है।
हालांकि, लोधी रोड, IGI एयरपोर्ट और मंदिर मार्ग जैसे कुछ इलाकों में AQI 270 से 290 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जो अभी भी सेहत के लिए खतरनाक है।
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लगातार बिगड़ती हवा की क्वालिटी को देखते हुए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने पूरे NCR में GRAP का चौथा चरण (स्टेज-IV) लागू कर दिया है। इसके तहत:
कमीशन ने सभी संबंधित एजेंसियों को प्रदूषण को और बढ़ने से रोकने के लिए नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
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डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषण का मौजूदा स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस और दिल की बीमारियों वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे बिना वजह घरों से बाहर न निकलें, N-95 मास्क पहनें और बाहर एक्सरसाइज़ करने से बचें। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तेज़ हवाएं या बारिश नहीं होती, दिल्ली की हवा की क्वालिटी में खास सुधार की उम्मीद नहीं है।