

दिल्ली के वसंत कुंज में 17 छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने आगरा के ताजगंज से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने रविवार तड़के 3:30 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया
दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद को आगरा से गिरफ्तार किया
Agra/Delhi: दिल्ली के वसंत कुंज में 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने आखिरकार आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बाबा बीते कई दिनों से फरार चल रहा था और पुलिस उसकी लोकेशन लगातार ट्रैक कर रही थी। रविवार तड़के करीब 3:30 बजे दिल्ली पुलिस ने उसे आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया। आरोपी को दिल्ली लाया गया है।
चैतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी ताजगंज के होटल ‘फर्स्ट’ में छिपा हुआ था। दिल्ली पुलिस को उसकी लोकेशन लगातार आगरा में ही मिल रही थी, जिसके बाद एक सटीक कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे दबोच लिया। इस गिरफ्तारी के बाद कई नए खुलासे सामने आए हैं, जो न केवल यौन उत्पीड़न के मामले से जुड़े हैं, बल्कि करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का खुलासा करते हैं।
Video: आगरा के "होटल द फर्स्ट" से गिरफ्तार हुआ डर्टी पिक्चर का पाखंडी बाबा स्वामी चैतन्यानंद
आधी रात को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, देखिए गिरफ्तारी के बाद क्या बोला होटल स्टाफ@DelhiPolice #SwamiChaitanyananda #Agra pic.twitter.com/LnALB6Rf1W
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 28, 2025
तीन खरब की संपत्ति पर नजर
बताया जा रहा है कि आरोपी बाबा की नजर पीठ की तीन खरब रुपये से अधिक की संपत्ति पर थी। इसके लिए उसने आश्रम के विश्वास को तोड़ते हुए धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी कागजात तैयार कर कब्जा जमाने की कोशिश की। वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने में पीठ की ओर से आरोपी के खिलाफ पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी, जिसमें इन सब बातों का उल्लेख है।
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शिकायत पीठ के वसंत कुंज स्थित आश्रम के प्रशासक पी.ए. मुरली की ओर से दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया कि आश्रम की कुछ इमारतें विभिन्न कंपनियों को किराए पर दी गई थीं, जिससे हर महीने करीब 60 लाख रुपये का किराया आता था। लेकिन आरोपी यह राशि पीठ को न देकर स्वयं हड़प रहा था।
बाबा चैतन्यानंद पर संस्थान के नाम में बदलाव कर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के नाम से संचालन करने का भी आरोप है। साथ ही उसने पीएचडी के लिए गारंटी के रूप में एक करोड़ रुपये की एफडी की मांग की थी और कई सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर किया था।
दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी चैतन्यानंद और उसके ट्रस्ट के नाम पर कुल 18 बैंक खाते और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं, जिनमें कुल मिलाकर लगभग 18 करोड़ रुपये जमा हैं। इन सभी खातों को पुलिस ने सीज कर दिया है। यह पैसा ज्यादातर श्री शारदा ट्रस्ट के जरिए एकत्रित किया गया था।
चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं- पहली धोखाधड़ी व जालसाजी की, दूसरी छात्राओं से छेड़छाड़ की और तीसरी महंगी गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाने की। इन तीनों मामलों की जांच दक्षिण-पश्चिमी जिले की जिला जांच इकाई (DIU) को सौंपी गई है।
बाबा की गिरफ्तारी के साथ ही उसके तमाम काले कारनामों का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है और माना जा रहा है कि कई और पीड़ित सामने आ सकते हैं। साथ ही, पीठ की संपत्ति और फंड का दुरुपयोग कैसे हुआ, इसकी भी गहन जांच की जाएगी।