

कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इज़ाफा देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस के कुल 358 नए मामले सामने आए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
कोविड-19 के मामलों में तेजी (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोविड-19 संक्रमण के मामलों में इज़ाफा देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस के कुल 358 नए मामले सामने आए हैं, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 6,491 हो गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है।
गुजरात में सबसे ज्यादा नए केस
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में गुजरात में सबसे ज्यादा 158 नए कोविड मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कर्नाटक में 57, पश्चिम बंगाल में 54, दिल्ली में 42 और तमिलनाडु में 25 मामले सामने आए हैं।
कुल मामलों में केरल सबसे आगे
अब तक कुल मामलों की बात करें तो केरल सबसे अधिक 1,957 मामलों के साथ सबसे आगे है। इसके बाद गुजरात में 980, पश्चिम बंगाल में 747, दिल्ली में 728, महाराष्ट्र में 607 और कर्नाटक में 423 केस दर्ज किए गए हैं।
अधिकांश मामले हल्के, घर पर इलाज संभव
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, देश में अधिकतर कोविड-19 संक्रमण के मामले हल्के हैं और मरीजों का इलाज घर पर ही संभव है। हालांकि, केंद्र सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।
कोविड-19 के मामलों में तेजी (सोर्स-इंटरनेट)
मॉक ड्रिल और तैयारियों की समीक्षा
कोविड मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में मॉक ड्रिल करवाई है ताकि ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की जांच की जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में 2 और 3 जून को तकनीकी समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ILI और SARI पर विशेष निगरानी
आईएलआई (Influenza-Like Illness) और सैरी (Severe Acute Respiratory Illness) मामलों की निगरानी के लिए राज्यों और जिलों के निगरानी इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है। सभी अस्पतालों में भर्ती सैरी मरीजों का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, जबकि 5% आईएलआई मामलों की जांच की जा रही है।
सकारात्मक सैरी सैंपलों को आईसीएमआर की वायरोलॉजी लैब नेटवर्क के जरिए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है, ताकि नए वैरिएंट्स की पहचान की जा सके।
विश्व स्तर पर भी बढ़े केस
जून 2025 तक कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य संकट बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 21 अप्रैल से 18 मई के बीच 90 देशों में 1.5 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। 73 देशों में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 11% तक पहुंच गया है, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे अधिक है।
नए वैरिएंट्स से खतरा
इस बार संक्रमण में बढ़ोतरी का मुख्य कारण NB.1.8.1 जैसे नए वैरिएंट्स माने जा रहे हैं, जो दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी भूमध्यसागरीय और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे हैं।
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