हिंदी
CJI सूर्यकांत ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद वादियों के लिए वे आधी रात तक कोर्ट में बैठने को तैयार हैं। “विलासितापूर्ण मुकदमे” नहीं सुनने की बात कहकर उन्होंने न्याय के प्रति अपनी प्राथमिकता स्पष्ट कर दी।
CJI सूर्यकांत
New Delhi: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने शुक्रवार को न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब और वंचित वादियों को न्याय दिलाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो वे उनके लिए आधी रात तक अदालत में बैठने को तैयार हैं।
CJI सूर्यकांत ने क्या कहा?
CJI सूर्यकांत, तिलक सिंह डांगी बनाम केंद्र सरकार मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसे खारिज करते हुए उन्होंने साफ कहा, “मेरे न्यायालय में विलासितापूर्ण मुकदमे नहीं चलेंगे। ऐसे मामले प्रायः धनी पक्षकार लाते हैं और मैं यहां सबसे गरीब व्यक्ति के लिए हूं।”
हरियाणा के छोटे गांव से सुप्रीम कोर्ट तक: पढ़ें CJI सूर्यकांत के संघर्ष की कहानी
सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमेशा इनके लिए खुले
मुख्य न्यायाधीश जॉयमाल्या बागची उनकी पीठ में शामिल थे। CJI ने अपनी टिप्पणी से यह स्पष्ट कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट में न्याय का दरवाजा उन लोगों के लिए हमेशा खुला रहेगा, जिनके पास संसाधनों की कमी है।
नए CJI, नई प्राथमिकता
जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। वे हरियाणा के हिसार जिले के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनका कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे।