देश में जनगणना के लिये गेजेट नोटिफिकेशन जारी, जानिये कब और कैसे होगी जनगणना

केंद्रीय सरकार ने भारत में अगली जनगणना के आयोजन की घोषणा कर दी है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये पूरी खबर

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 16 June 2025, 12:01 PM IST
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नई दिल्ली: केंद्रीय सरकार ने जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत में अगली जनगणना के आयोजन की घोषणा की है। गृह मंत्री अमित साह ने इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने भारत यह घोषणा की है कि यह जनगणना वर्ष 2027 में आयोजित की जाएगी। यह जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह निर्णय भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 28 मार्च, 2019 को प्रकाशित अधिसूचना संख्यांक का.आ. 1455 (अ) के अधिक्रमण में लिया गया है। इस अधिसूचना के तहत, पहले किए गए कार्यों या छूटे हुए कार्यों को छोड़कर, जनगणना की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। इस घोषणा के अनुसार, जनगणना का उद्देश्य देश की जनसंख्या का सटीक और व्यापक डेटा एकत्र करना है, जो नीति निर्माण और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।

एकसमान नहीं होगी जनगणना की तारीख

जनगणना के लिए संदर्भ तारीख मार्च 2027 के पहले दिन की मध्यरात्रि (00:00 बजे) निर्धारित की गई है। हालांकि, यह तारीख पूरे देश के लिए एकसमान नहीं होगी। विशेष रूप से, संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख, संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए अलग संदर्भ तारीख तय की गई है। इन क्षेत्रों में जनगणना का कार्य अक्टूबर 2026 के पहले दिन की मध्यरात्रि (00:00 बजे) को आधार मानकर किया जाएगा। यह व्यवस्था इन क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि जनगणना का कार्य सुचारू रूप से और सटीकता के साथ पूरा हो सके।

यह जनगणना भारत के सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय परिदृश्य को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जनगणना से प्राप्त डेटा का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार जैसी योजनाओं को तैयार करने में किया जाएगा। इसके अलावा, यह जनगणना देश में संसाधनों के वितरण और विकास नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायता करेगी।

कोविड के कारण टली जनगणना

बता दें कि भारत देश में हर दस साल बाद जनगणना कराई जाती है। जनगणना देश की आबादी, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों को एकत्र करने का एक विशाल प्रशासनिक कार्य है। यह दुनिया के सबसे बड़े डेटा संग्रह अभ्यासों में से एक है, जिसका आयोजन गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि, शिक्षा, रोजगार, आवास और अन्य सामाजिक-आर्थिक पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है, जो नीति निर्माण और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होती है। कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में निर्धारित जनगणना स्थगित हो गई थी।

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