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चार दिन बचे हैं बिहार में पहले चरण के मतदान में और मतदाताओं के बीच मुद्दों की भरमार है। इस बीच डाइनामाइट न्यूज़ ने मतदाताओं के बीच पहुंच जायजा लिया कि मतदाता किन बातों को ध्यान में रखकर वोट देंगे।
जनता किस मुद्दे पर देगी वोट
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने पूरी जी-जान झोक रखी है। सीट बंटवारे से लेकर, प्रचार-प्रसार और बड़े-बड़े वादों तक- सियासी गलियारों में चुनावी चमक अलग ही दिख रही है। इस बीच, महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दे एक बार फिर बिहार के सड़क-चौराहों पर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
बिहार में पारंपरिक रूप से जातिगत समीकरण और स्थानीय मुद्दे सबसे अहम रहे हैं, लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी दर ने आर्थिक समस्याओं को भी मतदाताओं के सामने प्रमुख चुनावी मुद्दा बना दिया है।
विपक्ष का प्रमुख हथियार
विपक्षी दल महागठबंधन (राष्ट्रीय जनता दल-RJD, कांग्रेस, और अन्य) महंगाई और बेरोजगारी को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA - जनता दल यूनाइटेड-JDU, भारतीय जनता पार्टी-BJP, और अन्य) की "सबसे बड़ी विफलता" के रूप में पेश करने पर जोर दे रहा है। वे जनता के बीच रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल और रोजमर्रा की चीज़ों के बढ़ते दामों को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
जनता की चिंता
विभिन्न सर्वेक्षणों और चुनावी माहौल की रिपोर्टों के अनुसार, मतदाताओं के लिए भी महंगाई और बेरोजगारी एक बड़ा चिंता का विषय है। बिहार में पलायन और रोजगार की समस्या पहले से ही गहरी है, जिसमें महंगाई का बोझ जनता के असंतोष को और बढ़ा सकता है।
सत्ता पक्ष के मुद्दे
एनडीए (JDU, BJP आदि): सत्ताधारी गठबंधन इन आरोपों का मुकाबला करने के लिए विकास, कल्याणकारी योजनाएं (जैसे मुफ्त राशन, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वे केंद्र सरकार की उपलब्धियों जैसे महंगाई भत्ता बढ़ाना और राज्य सरकार के सुशासन के दावों को सामने रखेंगे। इसके साथ ही, वे पारंपरिक रूप से अपने मजबूत माने जाने वाले सामाजिक/जातिगत समीकरणों को साधने पर भी जोर दे रहे हैं।