

अगस्त माह की बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सामान्य से 30% से अधिक बारिश ने बाढ़, भूस्खलन और जनहानि की स्थिति पैदा कर दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी।
अगस्त की बारिश ने तोड़ा 25 साल का रिकॉर्ड
New Delhi: इस साल अगस्त में उत्तर-पश्चिम भारत में 265 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद सबसे ज्यादा और 1901 के बाद 13वीं सबसे अधिक वर्षा है। यह सामान्य 197.1 मिमी से लगभग 34.5% ज्यादा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सितंबर में भी बारिश का यही सिलसिला जारी रह सकता है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अगस्त के दौरान 250.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 31% अधिक है। यह 2001 के बाद तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद आठवीं सबसे अधिक वर्षा है। मौसम विज्ञान महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार सितंबर में औसत 167.9 मिमी के मुकाबले 109% अधिक बारिश हो सकती है।
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उत्तर-पश्चिम भारत में जून से अगस्त के बीच 614.2 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 484.9 मिमी से 27% अधिक है। अगस्त महीने में पूरे देश में औसत से 5.2% अधिक वर्षा दर्ज की गई।
1 जून से 31 अगस्त तक देश में 743.1 मिमी बारिश हुई, जबकि दीर्घकालिक औसत 700.7 मिमी है। यानी इस अवधि में सामान्य से 6% अधिक वर्षा हुई। जून और जुलाई दोनों महीनों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में नदी-तालाब लबालब हो गए।
आईएमडी प्रमुख महापात्र ने कहा कि सितंबर में उत्तराखंड में भारी बारिश से भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा है। उत्तर भारत की कई नदियां उफान पर आ सकती हैं, जिनका असर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक होगा। छत्तीसगढ़ में महानदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना है।
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पहले जहां राजस्थान से मानसून की वापसी 1 सितंबर को होती थी, वहीं अब यह तिथि 17 सितंबर कर दी गई है। इसका मतलब है कि सितंबर में भी बारिश का दबाव बना रहेगा।
पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। रविवार को अबोहर, संगरूर और मानसा में मकानों की छत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि अमृतसर में दीवार गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हुई। राज्य के 10 जिलों के 1300 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
गुरदासपुर और फिरोजपुर के बाढ़ग्रस्त गांवों में सेना, एनडीआरएफ और बीएसएफ ने मोर्चा संभाला हुआ है। 122 राहत शिविरों में भोजन और दवाइयों का इंतजाम किया गया है। सेना हेलिकॉप्टर और ड्रोन के जरिए फंसे लोगों तक मदद पहुंचा रही है।
पिथौरागढ़ जिले में भूस्खलन से धौलीगंगा विद्युत परियोजना की सुरंगें बंद हो गईं। इससे एनएचपीसी के 19 कर्मचारी 24 घंटे तक अंदर फंसे रहे, जिन्हें जेसीबी मशीनों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग छठे दिन भी बंद रहा। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में सड़कों पर भूस्खलन हुआ और दर्जनों मार्ग अवरुद्ध हो गए। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा भी लगातार छठे दिन स्थगित रही। मौसम विभाग ने हिमाचल के चार जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।