

छिंदवाड़ा में किडनी फेलियर के कारण 6 बच्चों की मौत से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा है। जांच में सामने आया है कि सभी प्रभावित बच्चों ने एक ही तरह के कफ सिरप का सेवन किया था। डॉक्टरों का अनुमान है कि कफ सिरप में डाय एथलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला पदार्थ हो सकता है।
कफ सिरप पीने से मौत
Chhindwara: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेलियर की वजह से छह बच्चों की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। ये मामले तब सामने आए जब मृत बच्चों की किडनी बायोप्सी रिपोर्ट में टॉक्सिन मीडियट किडनी फेलियर की पुष्टि हुई।
दरअसल, जांच में पता चला है कि सभी बच्चों ने कोल्ड रिफ कफ सिरप लिया था। डॉक्टरों का मानना है कि कफ सिरप में किसी प्रकार की संदिग्ध कंटमिनेशन (प्रदूषण) हो सकती है, जिससे किडनी फेल होने का कारण बना।
छिंदवाड़ा के वरिष्ठ डॉक्टर पवन नंदुरकर ने इस संबंध में बताया कि नागपुर से मिली बायोप्सी रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि बच्चों की किडनी में जहरीले पदार्थ की वजह से चोट आई है। उन्होंने कहा कि यह संदिग्ध कफ सिरप पैरासिटामोल या क्लोरोफिनामाइन वाला हो सकता है, जिसमें डाय एथलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला तत्व मौजूद हो सकता है। डाय एथलीन ग्लाइकोल किडनी को नुकसान पहुंचाता है और इससे किडनी फेलियर हो सकता है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदिग्ध कफ सिरप पर पाबंदी लगा दी है। पैरासिटामोल और क्लोरोफिनामाइन युक्त कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाई गई है। अब तक जिले में कुल 15 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से छह बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि चार बच्चे नागपुर के अस्पतालों में गंभीर हालत में उपचाराधीन हैं। एक और बच्चा भी हाल ही में नागपुर रेफर किया गया है।
भोपाल स्वास्थ्य विभाग ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कफ सिरप ब्रांड Coldrif और Nextro-DS को जांच पूरी होने तक बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि भोपाल में दोनों कफ सिरप बैन रहेंगे और चिकित्सकों को इन कफ सिरप्स को प्रिस्क्राइब न करने की सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही आम जनता को भी इन दवाओं को खरीदने से बचने को कहा गया है।
इस पूरे मामले पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि मामले की जांच आईसीएमआर और नागपुर के संस्थान को भेजी गई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मौत का असली कारण क्या है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में कोई महामारी नहीं पाई गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद पूरी सच्चाई जनता के सामने लाई जाएगी।
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बीजेपी प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी ने भी कहा कि मौत के कारणों को लेकर जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। सभी संदिग्ध दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और एफडीए अनुमोदित लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णायक कदम उठाया जाएगा। उन्होंने व्यापक जांच की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई अन्य कारण तो बच्चों की मौत में शामिल नहीं है।
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि अभी तक किसी जांच एजेंसी ने मामले को क्लीन चिट नहीं दी है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष केवल आरोप लगाने का काम करता है जबकि सरकार जिम्मेदारी से जांच कर रही है और स्थिति का संज्ञान लेकर समाधान निकाल रही है।