

इंदौर के दिवंगत व्यापारी राजा रघुवंशी की हत्या स्थल पर उनके परिजनों ने मेघालय के सोहरा में पूजा-अनुष्ठान किया। यह वही स्थान है जहां मई में उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने प्रेमी के साथ मिलकर राजा की हत्या करवाई थी। परिजनों ने इस अनुष्ठान को न्याय की दिशा में पहला कदम बताया है।
राजा रघुवंशी (सोर्स-गूगल)
New Delhi: इंदौर के व्यापारी राजा रघुवंशी की निर्मम हत्या के दो महीने बाद, उनके परिवार ने गुरुवार 24 जुलाई को मेघालय के सोहरा स्थित हत्या स्थल पर श्रद्धांजलि स्वरूप पूजा-अनुष्ठान किया। यह वही दर्दनाक स्थान है जहां 23 मई 2025 को राजा की हत्या की गई थी, और इस जघन्य अपराध में उनकी नई दुल्हन सोनम रघुवंशी मुख्य साजिशकर्ता निकली।
परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल
पूजा कार्यक्रम में राजा के भाई विपिन रघुवंशी सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए। वेइसाडोंग फॉल्स के पास सुनसान पार्किंग स्थल पर आयोजित इस अनुष्ठान को परिजनों ने "न्याय की राह में भावनात्मक और जरूरी कदम" बताया।
गहरी खाई में मिला था शव
राजा रघुवंशी की हत्या की कहानी बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली है। शादी के कुछ ही दिनों बाद, 22 मई को राजा अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून के लिए मेघालय पहुंचे थे। लेकिन अगले ही दिन 23 मई को वह अचानक लापता हो गए। पुलिस ने लगभग दस दिन की तलाशी के बाद एक 30 फीट गहरी खाई से उनका क्षत-विक्षत शव बरामद किया, जिसमें चाकुओं के कई निशान थे।
प्रेमी के लिए ले ली पति की जान
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि सोनम के राज कुशवाहा नामक युवक से अवैध संबंध थे। इसी के चलते उसने प्रेमी और इंदौर के तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की साजिश रची। योजना के तहत राजा को सैर के बहाने एक सुनसान जगह पर ले जाया गया और चाकुओं से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद सोनम फरार हो गई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश में उसने आत्मसमर्पण कर दिया। इस समय सोनम, राज और तीन अन्य आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
पूजा के परिवार ने भी की सजा की मांग
पूजा के दौरान राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम यहां अपने राजा को श्रद्धांजलि देने आए हैं, वहीं हम चाहते हैं कि इस अपराध में शामिल हर व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिले। हम चाहते हैं कि कोई और परिवार इस तरह के दर्द से न गुज़रे।"
उन्होंने सरकार और न्यायपालिका से अपील करते हुए कहा कि यह मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चले और दोषियों को जल्द सजा मिले।