Night Shift Workers: नाइट शिफ्ट के बाद नहीं आती नींद? अपनाएं ये तरीके आएगी सुकून भरी नींद

अगर आप नाइट शिफ्ट करते हैं और दिन में सोने में परेशानी महसूस करते हैं, तो आपके लिए यह राहत की खबर है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 3 June 2025, 4:39 PM IST
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नई दिल्ली: यदि आप नाइट शिफ्ट करते हैं और आपको अच्छी नींद नहीं आती तो अब आप कुछ आसान और असरदार उपाय अपनाकर नाइट शिफ्ट के बाद भी गहरी और सुकून भरी नींद ले सकते हैं। क्योंकि नींद न सिर्फ थकान मिटाती है, बल्कि हमारी सेहत को भी बनाए रखती है। नियमित और अच्छी नींद न मिलने से हार्ट प्रॉब्लम्स, डिप्रेशन, मोटापा और इम्यूनिटी कमजोर होने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

नाइट शिफ्ट के बाद दिन में सोना आमतौर पर मुश्किल होता है, क्योंकि इस समय वातावरण में रोशनी, शोर और घरेलू हलचलें अधिक होती हैं। साथ ही हमारी बॉडी क्लॉक यानी सर्केडियन रिदम भी गड़बड़ा जाती है। ऐसे में विशेषज्ञों ने तीन प्रमुख स्लीप हैक्स सुझाए हैं जो आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं।

ब्लैकआउट पर्दे लगाएं और कमरे को बनाएं रात जैसा

दिन में सोते समय सबसे बड़ी बाधा होती है, सूरज की रोशनी। प्राकृतिक रोशनी हमारे दिमाग को संकेत देती है कि अब जागने का समय है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, ब्लैकआउट Curtains यानी मोटे और पूरी तरह अंधेरा करने वाले पर्दों का इस्तेमाल करें। ये कमरे को इस कदर अंधेरा कर देते हैं कि वह रात जैसा लगने लगता है। अंधेरे में हमारा दिमाग मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन शुरू करता है, जो नींद को गहरा और सुकूनदायक बनाता है।

blackout curtains room make like night

सोते समय कमरे को रात जैसा रखें

ब्लू-लाइट से रखें दूरी, स्क्रीन टाइम भी करें कम

मोबाइल, लैपटॉप और टीवी जैसी डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) हमारी नींद को बुरी तरह प्रभावित करती है। यह मेलाटोनिन की रिहाई को रोकती है, जिससे नींद आने में देर होती है या नींद की गुणवत्ता खराब होती है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि आप नाइट शिफ्ट के दौरान ब्लू-लाइट ब्लॉकिंग ग्लासेस पहनें। ये विशेष चश्मे आपकी आंखों तक हानिकारक रोशनी पहुंचने से रोकते हैं।

blue light emitted from digital screens

नीली रोशनी नींद को प्रभावित करती है

साथ ही, सोने से कम से कम 30 मिनट पहले मोबाइल फोन और अन्य स्क्रीन का उपयोग बंद कर दें। अगर फोन इस्तेमाल करना जरूरी हो, तो ब्लू-लाइट फिल्टर मोड ऑन करें, जो अब लगभग हर स्मार्टफोन में उपलब्ध है।

 

कैफीन से बनाएं दूरी

नाइट शिफ्ट में काम करने के दौरान खुद को एक्टिव रखने के लिए चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स लेना आम बात है, लेकिन इन सभी में मौजूद कैफीन लंबे समय तक आपके नर्वस सिस्टम को एक्टिव बनाए रखता है। डॉक्टरों के मुताबिक, आपको सोने से कम से कम 6 घंटे पहले कैफीन का सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे शरीर को शांत होने और नींद की तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा।

यदि आप शिफ्ट खत्म होते ही सोने की योजना बना रहे हैं, तो शिफ्ट के आखिरी हिस्से में कैफीन से पूरी तरह दूरी बनाना जरूरी होगा। इन तीन आसान उपायों को अपनाकर नाइट शिफ्ट करने वाले लोग भी बेहतर नींद का आनंद ले सकते हैं।

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