

बरसात का मौसम डेंगू का खतरा लेकर आता है, लेकिन डायबिटिक मरीजों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। कमजोर इम्युनिटी और ब्लड शुगर की समस्या के कारण इन्हें इंफेक्शन जल्दी पकड़ता है। जानिए एक्सपर्ट्स की राय और बरसात में डेंगू से बचने के तरीके।
डेंगू और डायबिटीज (Img: Google)
New Delhi: बरसात का मौसम जहां राहत और ठंडक लेकर आता है, वहीं कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। खासकर डेंगू इस मौसम में तेजी से फैलता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटिक पेशेंट्स की इम्युनिटी सामान्य लोगों की तुलना में कमजोर होती है, जिस वजह से उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
डायबिटीज से शरीर का ब्लड शुगर लेवल हाई रहता है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। ऐसे में जब डेंगू का वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो डायबिटिक मरीज जल्दी रिकवर नहीं कर पाते। इसके अलावा, डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स घटते हैं और डायबिटीज में ब्लड सर्कुलेशन पहले से ही प्रभावित रहता है। यह डबल प्रॉब्लम मरीज को गंभीर स्थिति में पहुंचा सकती है।
डायबिटीज (Img: Google)
डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटिक मरीजों को डेंगू के शुरुआती संकेतों को बिल्कुल हल्के में नहीं लेना चाहिए। इनमें शामिल हैं:
अगर इन लक्षणों के साथ नाक या मसूड़ों से खून आना, उल्टी या पेशाब में ब्लीडिंग जैसी स्थिति दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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डायबिटीज एक्सपर्ट का कहना है, 'बरसात के मौसम में डेंगू जैसी बीमारियां डायबिटिक मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती हैं। समय पर जांच, सही इलाज और थोड़ी सतर्कता से खतरे को टाला जा सकता है। मरीजों को अपनी सेहत के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए।'
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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियां किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं हैं। डेंगू या डायबिटीज से संबंधित किसी भी लक्षण या समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।