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त्योहारों के सीजन में लोग बड़ी मात्रा में काजू, बादाम और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स खरीदते हैं, लेकिन बाजार में मिलावटी ड्राई फ्रूट्स भी आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में असली और नकली ड्राई फ्रूट्स की पहचान करना जरूरी है। जानिए घर पर कौन-कौन से आसान टेस्ट करके आप मिलावट पकड़ सकते हैं।
ड्राई फ्रूट्स की पहचान (Img: Google)
New Delhi: त्योहारों का मौसम आते ही बाजारों में मिठाइयों और ड्राई फ्रूट्स की खरीदारी जोर पकड़ लेती है। ड्राई फ्रूट्स न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि लोग इन्हें गिफ्ट देने से लेकर घर की रसोई में इस्तेमाल तक, हर जगह प्राथमिकता देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में उपलब्ध सभी ड्राई फ्रूट्स पूरी तरह असली या सुरक्षित नहीं होते? कई दुकानदार पुराने, खराब या कम गुणवत्ता वाले ड्राई फ्रूट्स को आकर्षक और ताजा दिखाने के लिए केमिकल्स और कलर कोटिंग का सहारा लेते हैं।
कई बार काजू को सफेद और चमकदार दिखाने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं किशमिश को सुनहरा और आकर्षक बनाने के लिए आर्टिफिशियल कलर मिलाया जाता है। ऐसे ड्राई फ्रूट्स देखने में भले ही अच्छे लगें, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इसीलिए हर व्यक्ति को खुद यह समझना जरूरी है कि असली और नकली ड्राई फ्रूट्स में अंतर कैसे किया जाए।
अगर आपको बहुत कम कीमत या टूटे-फूटे ड्राई फ्रूट्स मिल रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। अक्सर ऐसे ड्राई फ्रूट्स पुराने या दोबारा पैक किए गए होते हैं। इन्हें चमकदार बनाने के लिए रसायनों का उपयोग भी किया जाता है। इसलिए हमेशा हल्के रंग वाले, बिना टूटे और प्राकृतिक दिखने वाले ड्राई फ्रूट्स ही खरीदें।
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काजू या बादाम की शुद्धता घर पर ही आसानी से जांची जा सकती है। एक काजू पर थोड़ा पानी डालें और उस पर लिटमस पेपर रखें। अगर पेपर का रंग लाल या नारंगी हो जाए, तो इसका मतलब है कि ड्राई फ्रूट्स को एसिड से वॉश किया गया है। लेकिन अगर रंग में कोई बदलाव नहीं आता, तो यह असली है। यह टेस्ट बेहद आसान और प्रभावी है।
असली ड्राई फ्रूट्स में हल्की और प्राकृतिक खुशबू आती है। जबकि नकली या केमिकल से ट्रीट किए हुए ड्राई फ्रूट्स में तेज, एसिडिक या अजीब गंध महसूस हो सकती है। इसके टेक्सचर में भी फर्क दिखेगा, असली ड्राई फ्रूट्स मुलायम और ताजगी वाले होते हैं, जबकि नकली ड्राई फ्रूट्स ज्यादा कठोर, चिकने या बेमेल रंग के नजर आते हैं।
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किशमिश में मिलावट का पता रंग देखकर लगाया जा सकता है। अगर किशमिश बहुत ज्यादा चमकदार, एक जैसे सुनहरे रंग की दिखाई दे, तो यह मिलावट का संकेत है। असली किशमिश का रंग प्राकृतिक रूप से हल्का भूरा या पीला होता है और सभी दानों का रंग एक जैसा नहीं होता।
लगातार मिलावटी ड्राई फ्रूट्स का सेवन शरीर में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। एसिड वॉश किए हुए ड्राई फ्रूट्स पेट में जलन, एसिडिटी और गैस की दिक्कत बढ़ाते हैं। वहीं आर्टिफिशियल कलर स्किन एलर्जी, रैशेज और खुजली का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक इनके सेवन से टॉक्सिन शरीर में जमा हो सकते हैं, जिससे लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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