

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से बिगड़े हालात के बीच भारतीय रेलवे ने राहत की बड़ी पहल की है। वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं और फंसे यात्रियों के लिए उत्तर रेलवे ने दो स्पेशल लोकल ट्रेनें शुरू की हैं। यह निर्णय अस्थायी तौर पर यात्रियों की मदद के लिए लिया गया है।
भारतीय रेलवे (Img: Google)
Srinagar: पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़क मार्ग टूटने और रेल सेवाओं के बाधित होने से हजारों यात्री फंस गए हैं। इस संकट की घड़ी में भारतीय रेलवे ने एक अहम और सराहनीय कदम उठाया है। उत्तर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वैष्णो देवी के तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए दो स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की घोषणा की है।
उत्तर रेलवे के अनुसार, ये ट्रेनें 8 सितंबर से 12 सितंबर तक कटड़ा (वैष्णो देवी स्टेशन) और संगलदान के बीच चलाई जाएंगी। यह सेवा रियासी, बक्कल और दुग्गा स्टेशनों के रास्ते से होकर गुजरेगी। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह अस्थायी व्यवस्था केवल तब तक जारी रहेगी जब तक सड़क मार्ग पूरी तरह बहाल नहीं हो जाता।
रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह निर्णय बाढ़ और बारिश के कारण प्रभावित यात्रा को सरल बनाने और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है। रियासी और रामबन जिलों में हालात विशेष रूप से खराब हैं, जहां कई सड़कें टूट गई हैं और लोग बीच रास्ते में फंसे हुए हैं।
भारी बारिश और भूस्खलन ने रेल यातायात को भी नुकसान पहुंचाया है। जम्मू-कटड़ा शटल सेवा, जो 1 सितंबर से शुरू की गई थी और 15 सितंबर तक चलने वाली थी, उसे लगातार तीसरे दिन रद्द करना पड़ा है। रामनगर और मनवाल के बीच रेल ट्रैक पर भूस्खलन के चलते पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। रेलवे कर्मचारी लगातार मलबा हटाने और ट्रैक को साफ करने में लगे हुए हैं, ताकि सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जा सकें।
रेलवे की ओर से यह भी बताया गया कि अब तक कुल 21 ट्रेनों को आंशिक या पूरी तरह से बहाल करने की योजना पर काम चल रहा है। भारी बारिश के चलते 26 अगस्त से ही रेल संचालन प्रभावित हुआ था, लेकिन अब हालात में सुधार की कोशिशें तेज हो चुकी हैं। वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह फैसला किसी राहत से कम नहीं है। कटड़ा स्टेशन हर साल लाखों यात्रियों की धार्मिक आस्था का केंद्र होता है और मौजूदा हालात में रेल सेवा ही उनका एकमात्र सुरक्षित विकल्प बन गई है।