

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ फैसले और वैश्विक राजनीति में बदलते समीकरणों के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बयान चर्चा में है। पहले सीजफायर पर अमेरिका को कठघरे में खड़ा करने वाले डार ने अब भारत से सम्मानजनक बातचीत की गुहार लगाई है। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वार्ता सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (Img: Google)
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद से वैश्विक राजनीति में नए गठजोड़ बनने लगे हैं। इस बदलते समीकरण में पाकिस्तान खुद को हाशिए पर महसूस कर रहा है। आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के लिए इस गठजोड़ में कोई जगह नहीं दिख रही, जिस कारण उसके नेता बार-बार अमेरिका को खुश करने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार का ताज़ा बयान सुर्खियों में है।
डार ने हाल ही में भारत से सम्मानजनक तरीके से बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई है। उनका कहना है कि पाकिस्तान, भारत के साथ कंपोजिट डायलॉग (व्यापक संवाद) शुरू करने को तैयार है। हालांकि भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी वार्ता तभी संभव है जब चर्चा का मुद्दा आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) होगा।
इशाक डार का बयान (Img: Google)
दरअसल, यह वही इशाक डार हैं जिन्होंने कुछ समय पहले सीजफायर के मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान ने कभी भी अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष से युद्धविराम में मध्यस्थता की मांग नहीं की थी। यह बयान सीधे-सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों के विपरीत था। ट्रंप बार-बार यह कहते रहे कि उनकी पहल के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध टला।
इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके सहयोगियों के हथियारों की पोल खोल दी थी। यहां तक कि डार ने यह भी स्वीकार किया था कि भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान ने खुद सीजफायर की मांग की थी। लेकिन अब वे अपनी ही बात से पलट गए हैं। हाल ही में दिए बयान में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने भारत के खिलाफ जंग में हवा और जमीन पर अपनी ताकत साबित की थी। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए किसी के आगे गिड़गिड़ाएगा नहीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इशाक डार का यह विरोधाभासी रुख पाकिस्तान की कूटनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है। एक ओर वह भारत से बातचीत की गुहार लगाते हैं, तो दूसरी ओर युद्ध में अपनी ताकत दिखाने की बात कहते हैं। वहीं, अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्तों और नई रणनीतिक साझेदारी ने पाकिस्तान की चिंता और बढ़ा दी है।
भारत के रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की यह बयानबाजी केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने और अमेरिका की नाराजगी को कम करने की कोशिश है। भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर कड़ा कदम नहीं उठाता, तब तक किसी भी तरह की सार्थक बातचीत संभव नहीं है।
कुल मिलाकर, ट्रंप के टैरिफ फैसले और वैश्विक राजनीति के नए समीकरणों के बीच पाकिस्तान एक बार फिर अपनी पुरानी कूटनीति की चालों में उलझा दिखाई दे रहा है।