

चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत यात्रा के बाद पाकिस्तान पहुंचे, जहां उन्होंने इस्लामाबाद में पाक विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने औद्योगिक, खनन और कृषि क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के दूसरे चरण पर खास ध्यान देने की बात कही।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक
New Delhi: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारत दौरे के तुरंत बाद पाकिस्तान पहुंचकर वहां की सत्ता और कूटनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। गुरुवार को वांग यी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ इस्लामाबाद में छठे दौर की रणनीतिक वार्ता में भाग लिया। इस मुलाकात में दोनों देशों ने न केवल पुराने सहयोग को दोहराया, बल्कि आर्थिक, सुरक्षा और वैश्विक मंचों पर मिलकर काम करने की नई योजनाओं पर भी सहमति जताई।
विदेश कार्यालय (Foreign Office) के अनुसार, वार्ता में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) 2.0 के तहत सहयोग को तेज करने, व्यापार को बढ़ावा देने और बहुपक्षीय मंचों पर तालमेल को मजबूत करने पर विशेष चर्चा हुई। वांग यी ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता और प्रगति में चीन के निरंतर समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्वादर बंदरगाह के विकास और संचालन में चीन की भूमिका अहम बनी रहेगी।
वार्ता के बाद वांग और डार ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की। वांग ने कहा कि 'पाकिस्तान की आर्थिक मजबूती, आतंकवाद से लड़ाई और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चीन हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देश अब CPEC के उन्नत संस्करण को उच्च गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ाएंगे।
चीन ने हाल ही में पाकिस्तान में आई बाढ़ को लेकर मानवीय सहायता देने की घोषणा भी की है। वांग ने कहा कि चीन बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाएगा और पुनर्वास में भी सहयोग करेगा।
वांग यी ने पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी प्रयासों की सराहना की और इस दिशा में सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ जो बलिदान दिए हैं, वे प्रशंसनीय हैं और चीन इस संघर्ष में उसका साथ देगा।”
वांग यी की इस्लामाबाद यात्रा और CPEC 2.0 पर हुई बातचीत भारत के लिए चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि CPEC के कई प्रोजेक्ट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरते हैं। चीन और पाकिस्तान की बढ़ती निकटता दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।
डार ने बताया कि चीन की मध्यस्थता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक भी हुई, जिसमें सीमा विवाद और सुरक्षा पर चर्चा हुई। यह चीन की एक नई कूटनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।