

नेपाल की जेलों से फरार हुए 35 कैदी भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किए गए हैं। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से इन कैदियों को पकड़ा। नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच जेलों में मची अराजकता के चलते ये कैदी फरार हुए थे।
SSB ने जेल से भागे कैदियों को पकड़ा
New Delhi: नेपाल में फैली अराजकता और जेलों में हुए जेलब्रेक की घटनाएं अब भारत तक पहुंच चुकी हैं। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने अब तक नेपाल की जेलों से फरार 35 कैदियों को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया है। इनमें से 22 उत्तर प्रदेश, 10 बिहार और 3 पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं। यह कार्रवाई भारत की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और मुस्तैदी का नतीजा है।
सबसे ज्यादा गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में हुई, जहां SSB ने 22 कैदियों को हिरासत में लिया। जानकारी के मुताबिक, ये सभी कैदी नेपाल की राजधानी काठमांडू की डिल्लीबाजार जेल से फरार हुए थे। 10 सितंबर की रात को इनमें से 5 कैदियों को एक त्वरित कार्रवाई में पकड़ा गया, जब वे गुपचुप तरीके से भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
इनके पास कोई वैध दस्तावेज या पहचान पत्र नहीं था, जिससे संदेह बढ़ा और पूछताछ में इनके फरार कैदी होने की पुष्टि हुई। इन्हें पकड़ने के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है और नेपाल से समन्वय बनाकर इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
भारत-नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा होने के कारण यह इलाका कई बार अपराधियों की सुरक्षित पनाहगाह बन जाता है। लेकिन इस बार SSB ने सभी 26 व्यापार मार्गों, 15 यातायात मार्गों, 6 एकीकृत जांच चौकियों और 11 सीमा जांच चौकियों पर निगरानी कड़ी कर दी है।
SSB की महिला कर्मियों को भी जांच चौकियों पर तैनात किया गया है ताकि हर स्थिति को कुशलतापूर्वक संभाला जा सके। सीतामढ़ी, महाराजगंज, रक्सौल और सुपौल जैसे संवेदनशील जिलों में फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में विशेष निगरानी अभियान चल रहा है।
बिहार में SSB ने 10 फरार कैदियों को पकड़ा, जो विभिन्न जेलों से भागकर छिपते हुए भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। इन्हें सीमा के पास से हिरासत में लेकर बिहार पुलिस को सौंप दिया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में 3 कैदियों को गिरफ्तार किया गया है।
नेपाल में ‘जेन-जी’ नामक संगठन के नेतृत्व में हो रहे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने पूरे देश में उथल-पुथल मचा दी है। इस दौरान डिल्लीबाजार, महोत्तरी, नवलपरासी पश्चिम और सप्तारी की जेलों में तोड़फोड़, आगजनी और भगदड़ जैसी घटनाएं सामने आईं। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने जेलों पर हमला कर कैदियों को छुड़ाया, जिससे कई खतरनाक अपराधी फरार हो गए।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नेपाल पुलिस को कुछ इलाकों से पीछे हटना पड़ा और जेलों की सुरक्षा के लिए नेपाल आर्मी को तैनात करना पड़ा।
नेपाल से भागे हुए कैदियों की गिरफ्तारी के बाद अब भारत और नेपाल के सुरक्षा बलों के बीच तालमेल बढ़ाया जा रहा है। भारत की ओर से सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है और सीसीटीवी, ड्रोन और खुफिया नेटवर्क के जरिए सीमा की निगरानी तेज कर दी गई है।