पाकिस्तान–सऊदी डिफेंस डील: परमाणु तकनीक पर उठे सवाल, जानें ख्वाजा आसिफ ने क्या कहा

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते ने सुरक्षा रणनीतियों में नई हलचल पैदा कर दी है। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया कि इस समझौते के तहत पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमताएं सऊदी अरब को देगा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 20 September 2025, 9:51 AM IST
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Riyadh/Islamabad: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते ने सुरक्षा और सैन्य रणनीतियों के नए आयाम खोले हैं। समझौते के बाद एक बड़ा सवाल उभर कर सामने आया था कि क्या पाकिस्तान अपनी परमाणु तकनीकी सऊदी अरब को प्रदान करेगा? इस पर पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के पास जो भी सैन्य क्षमताएं हैं, वे सऊदी अरब को उपलब्ध कराई जाएंगी।

पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौते की अहमियत

हाल के इस बयान से पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते की गंभीरता साफ होती है। पाकिस्तान ने पुष्टि की कि यह समझौता दोनों देशों के रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए है। ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'यह समझौता दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता सऊदी अरब को उपलब्ध कराएगा, जिससे सऊदी अरब की सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।'

Pakistan-Saudi defense deal

ख्वाजा आसिफ का जवाब

पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं के संबंध में इस बयान के बाद सऊदी अरब में उम्मीदों का दौर शुरू हो गया है। रियाद को पहले से उम्मीद थी कि पाकिस्तान का परमाणु सुरक्षा कवच उनके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि इस समझौते के बाद अरब देशों के लिए भविष्य में और अवसरों के द्वार खुले हैं।

सऊदी अरब को मिल सकती है परमाणु सुरक्षा

पाकिस्तान का यह बयान सऊदी अरब के लिए एक नई उम्मीद जगा रहा है। रियाद को पहले से यह आशंका थी कि पाकिस्तान की परमाणु तकनीकी उसे क्षेत्रीय सुरक्षा में मददगार साबित हो सकती है। अब इस घोषणा से सऊदी अरब का विश्वास मजबूत हो सकता है, खासकर जब वह क्षेत्रीय सुरक्षा की मजबूती के लिए ऐसे कदम उठा रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच इस तरह की रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।

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भारत की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय प्रभाव

इस रक्षा समझौते पर भारत की प्रतिक्रिया भी अब तक सतर्क रही है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए इस रक्षा समझौते के क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगा। भारत का मानना है कि इस समझौते से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की स्थिति प्रभावित हो सकती है, खासकर भारत-पाकिस्तान के संबंधों के संदर्भ में।

भारत ने यह भी कहा कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुआ यह समझौता खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति को और अधिक जटिल बना सकता है।

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समझौते की राजनीतिक और सैन्य रणनीतियाँ

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुआ यह रक्षा समझौता क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। इसे एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखा जा सकता है, जो दोनों देशों के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगी। पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं का सऊदी अरब को उपलब्ध कराना न केवल सैन्य संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक सहयोग को भी नया आयाम देगा।

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