

पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक समान दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और डबल स्टैंडर्ड को नकारा।
पीएम मोदी का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया और कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद किसी भी देश की सुरक्षा, शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आतंकवाद न केवल एक देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह पूरे मानवता के लिए एक साझा समस्या बन चुका है, और इससे कोई भी देश या समाज सुरक्षित नहीं है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "आतंकवाद केवल किसी एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एकता पर जोर दिया और संयुक्त सूचना अभियान के तहत आतंकवादी संगठनों, विशेष रूप से अल-कायदा और उससे जुड़े संगठनों से लड़ने की पहल की है। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ भी आवाज उठाई और इस प्रयास में मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आतंकवाद से लड़ा जा रहा यह संघर्ष कोई अकेले देश का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व की साझा जिम्मेदारी है। आतंकवाद के कारण न केवल हजारों निर्दोष लोगों की जान जाती है, बल्कि यह समाजों के बीच दरारें भी पैदा करता है। पीएम मोदी ने इस संदर्भ में कहा, "कोई देश, कोई समाज, कोई नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकता।"
पीएम मोदी का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों में एससीओ ने एशिया क्षेत्र में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूती देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने एससीओ के एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है, और हमारा प्रयास हमेशा रहा है कि एससीओ को केवल सरकारों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे लोगों से जुड़े विचारों और पहलों तक विस्तारित किया जाए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने एससीओ के मंच का इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील करने के लिए किया और आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने का काम किया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "हमने पहलगाम में आतंक का बहुत ही घिनौना रूप देखा।" इस हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरे मानवता को झकझोर दिया। उन्होंने कहा, "इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। यह हमला केवल भारत की आत्मा पर नहीं हुआ था, बल्कि यह मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक चुनौती थी।" प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि ऐसे हमलों से न केवल एक देश को बल्कि पूरी दुनिया को संदेश जाता है कि आतंकवाद का कोई स्थान नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के हमले केवल कायरता को दर्शाते हैं और इन्हें पूरी दुनिया में कठोर शब्दों में निंदा करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया कि "क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार हो सकता है?" उन्होंने इसे एक गंभीर चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया और कहा, "हमें स्पष्ट और एक ही सुर में यह कहना होगा कि हमें आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होगा।" उनका यह बयान उन देशों के लिए एक कड़ा संदेश था, जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं या उसे अपने राजनीतिक या रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना होगा और इसका हर रूप, चाहे वह किसी भी तरह का हो, उसे पूरी दुनिया के सामने नकारा जाएगा। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि यह मानवता के प्रति हमारा दायित्व है।