

तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद, आपसी सहयोग, मानसरोवर यात्रा, हवाई संपर्क और SCO की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
SCO समिट के मौके पर हुई द्विपक्षीय बातचीत
New Delhi: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) 2025 समिट के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तियानजिन में अहम द्विपक्षीय बैठक हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बाद संबंधों को पटरी पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने चीन की SCO में सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति शी को बधाई दी। उन्होंने चीन में हुए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, “पिछले वर्ष कज़ान में हमारी चर्चा ने हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा दी। अब सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बन पाया है।”
बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हालिया सैन्य वापसी के बाद हालात में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर एक समझौता हुआ है, जो दोनों देशों के लिए आगे का रास्ता खोलता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “यह यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी दोनों देशों के संबंधों को जोड़ती है।” यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए दोनों पक्षों के बीच सहयोग की बात भी सामने आई।
SCO समिट के मौके पर हुई द्विपक्षीय बातचीत
COVID-19 और सीमा विवाद के कारण वर्षों से बंद सीधी उड़ानें अब फिर से शुरू की जा रही हैं। पीएम मोदी ने बताया कि “दोनों देशों के लोगों को जोड़ने के लिए सीधी उड़ानों का फिर से शुरू होना स्वागतयोग्य कदम है, जिससे पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क को बल मिलेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश हैं। “हमारे 2.8 अरब लोगों के हित आपसी सहयोग से जुड़े हुए हैं और यदि हम मिलकर कार्य करें तो इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है,” उन्होंने कहा।
मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए तीन मूल तत्वों विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन सिद्धांतों के बिना कोई भी स्थायी संबंध नहीं बन सकता और भारत इन मूल्यों पर आधारित रिश्तों को प्राथमिकता देता है।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पीएम मोदी के साथ बैठक को ‘सकारात्मक और रचनात्मक’ करार दिया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी, आपसे एक बार फिर मिलकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। भारत चीन के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ोसी और भागीदार है। SCO समिट में आपकी उपस्थिति हमारे द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को दर्शाती है।”
चीनी राष्ट्रपति ने SCO में भारत की सक्रिय भूमिका की भी प्रशंसा की और कहा कि “क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में भारत का योगदान महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन भारत के साथ सभी मुद्दों पर “संवाद और सहयोग के माध्यम से समाधान” चाहता है।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संकेत दिए कि आगे आने वाले समय में द्विपक्षीय वार्ताएं और तेज़ होंगी। एक उच्च स्तरीय संवाद तंत्र फिर से सक्रिय किया जाएगा और आर्थिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।