NISAR Satellite Launch: अंतरिक्ष से धरती की निगरानी, NASA-ISRO का मिशन निसार लांच, जानें खासियत

अंतरिक्ष से धरती कर निगरानी रखने के लिए नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) बुधवार को लॉन्च कर दिया। इसरो का जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट बुधवार शाम 5.40 बजे निसार के साथ श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और सेटेलाइट को सूर्य-समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित करेगा।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 30 July 2025, 6:02 PM IST
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New Delhi: अंतरिक्ष से धरती कर निगरानी रखने के लिए नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) बुधवार को लॉन्च कर दिया। इसरो का जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट बुधवार शाम 5.40 बजे निसार के साथ श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और सेटेलाइट को सूर्य-समकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित करेगा।

NISAR मिशन क्या है?

NISAR एक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट है, जिसे नासा और इसरो ने मिलकर बनाया है। इसका पूरा नाम NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar है। यह पृथ्वी की सतह, बर्फ और जंगलों को स्कैन करने के लिए बनाया गया है। इसे "पृथ्वी का एमआरआई स्कैनर" इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह पृथ्वी की सतह की इतनी बारीक तस्वीरें ले सकता है कि यह सेंटीमीटर के स्तर तक बदलावों को पकड़ लेता है, जैसे कि कोई डॉक्टर एमआरआई स्कैन से शरीर के अंदर की बारीकियां देखता है।

यह सैटेलाइट हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी को स्कैन करेगा और प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन की चेतावनी देने में मदद करेगा। यह 13,000 करोड़ रुपये (1.5 बिलियन डॉलर) की लागत वाला मिशन है, जिसमें इसरो का योगदान 788 करोड़ रुपये है। इसका डेटा मुफ्त में दुनिया भर के वैज्ञानिकों, सरकारों और आम लोगों के लिए उपलब्ध होगा।

पूरी धरती पर नजर रखेगा निसार

इसरो और नासा मिलकर पहली बार ऐसा सेटेलाइट लॉन्च कर रहे हैं जो पूरी धरती पर नजर रखेगा। निसार प्रत्येक 12 दिनों पर समूची पृथ्वी की भूमि व बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा। यह एक सेंटीमीटर स्तर तक की सटीक फोटो खींचने व प्रसारित करने में सक्षम है।

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