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इज़राइल ने वेस्ट बैंक में 19 नई बस्तियों को औपचारिक रूप देने की मंजूरी दी है, जिससे फिलिस्तीनी संकट और गंभीर हो गया है। फिलिस्तीनी राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने दिल्ली में डाइनामाइट न्यूज़ को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में इस हालात का खुलासा किया।
फिलिस्तीनी राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
New Delhi: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने वेस्ट बैंक में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दे दी है। इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 19 नई बस्तियों को औपचारिक रूप देने का निर्णय लिया है।
फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है, क्योंकि इससे वहां रहने वाले लोगों के बीच सामाजिक और राजनीतिक दरारें और गहरी होंगी। इजराइली मीडिया आउटलेट Ynet ने दावा किया कि इस योजना को पहले से अमेरिका के साथ समन्वय करके लागू किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ के साथ एक विशेष इंटरव्यू में, दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश ने वेस्ट बैंक और गाजा की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इजराइल ने पूरे क्षेत्र को घेर रखा है और कई इलाकों में बैरिकेडिंग कर दी है। इसके अलावा, कई घरों को गिरा दिया गया है, जब्त किया गया है या सील कर दिया गया है, जिससे हजारों फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं।
राजदूत अबू शावेश ने बताया कि फिलिस्तीनी प्रशासनिक और गैर-सरकारी संगठनों के लिए आवश्यक फंड इज़राइल द्वारा ही इकट्ठा किए जाते हैं। इससे कामकाज में कई बाधाएं आती हैं। उन्होंने कहा, "हमारा दूतावास भी मुश्किल हालात में काम कर रहा है क्योंकि हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।"
अब्दुल्ला अबू शावेश ने आगे बताया कि फिलिस्तीनी नागरिक बहुत दयनीय स्थिति में हैं। उनके पास आय के साधन नहीं हैं और वे पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र पर निर्भर हैं। दैनिक जीवन के लिए आवश्यक सहायता ट्रकों की संख्या सीमित है। हर दिन 600 से अधिक ट्रकों की जरूरत होती है, जबकि इजराइल केवल 100 ट्रकों को ही अनुमति देता है। इस कमी से लोगों को कठिन हालात में जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अब्दुल्ला अबू शावेश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि उन्हें फिलिस्तीन में नरसंहार के लिए इजराइल की आलोचना करनी चाहिए।
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