

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार वार्ता को रोक दिया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संदेश दिया है कि भारत किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी
New Delhi: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बार फिर खटास आ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति और आगामी चुनावों के प्रमुख दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद व्यापार वार्ता को स्थगित करने का ऐलान किया है। ट्रंप के इस बयान से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और तनाव आने की आशंका जताई जा रही है।
गुरुवार को वाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप से भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई ने सवाल किया कि क्या भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भी व्यापार वार्ता की कोई उम्मीद है? इसके जवाब में ट्रंप ने दो टूक शब्दों में कहा “नहीं। जब तक यह मामला सुलझाया नहीं जाता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।”
भारत पर बढ़ा टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया था कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीद रहा है। इसके जवाब में ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत पर और 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। इस तरह कुल मिलाकर भारत पर अमेरिका का टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
इसके अलावा, ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन भी लगाए जा सकते हैं। यह सजा उन देशों को दी जाती है जो अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस या अन्य प्रतिद्वंद्वी देशों से व्यापार करते हैं।
पीएम मोदी ने दिया स्पष्ट संदेश
अमेरिकी टैरिफ के जवाब में भारत ने भी स्पष्ट रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि “भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।” उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकता उसके किसान, मछुआरे और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोग हैं। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, “अगर मुझे किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई कीमत चुकानी पड़ी, तो मैं तैयार हूं।”
भारत ने अमेरिका की मांग ठुकराई
गौरतलब है कि अमेरिका लंबे समय से भारत के कृषि और डेयरी बाजारों में प्रवेश की मांग कर रहा है। लेकिन भारत ने इन क्षेत्रों को “संवेदनशील” मानते हुए अमेरिका को कोई रियायत देने से इंकार कर दिया था। यही कारण है कि व्यापार वार्ता में प्रगति नहीं हो पा रही थी और अब टैरिफ के इस कदम से वार्ता पूरी तरह रुक गई है।