

अमेरिकी वाणिज्य सचिव होवार्ड लुटनिक ने कहा कि भारत को अमेरिकी बाजार खोलने और नीतियों में सुधार करने की जरूरत है, तभी दोनों देशों के बीच ट्रेड डील संभव होगी। जब भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका का दौरा कर चुका है।
होवार्ड लुटनिक
Washington: भारत और अमेरिका के बीच अभी तक तय नहीं हुई ट्रेड डील को लेकर अमेरिकी वाणिज्य सचिव होवार्ड लुटनिक ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। लुटनिक ने कहा कि भारत को अमेरिकी बाजार के प्रति सही कदम उठाने होंगे और ऐसी नीतियां नहीं अपनानी चाहिए जो अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाती हों। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका का दौरा कर चुका है।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत को अपने बाजार खोलने होंगे और उन नीतियों को समाप्त करना होगा जो अमेरिकी व्यापारियों या उपभोक्ताओं को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, 'हमारे पास कई ऐसे देश हैं जिन्हें सुधारने की जरूरत है, जैसे स्विट्जरलैंड और ब्राजील। भारत भी ऐसे ही देशों में आता है। उन्हें अपने बाजार खोलने होंगे और ऐसे काम बंद करने होंगे जो अमेरिका को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि अभी हमारे बीच असहमति है।'
अमेरिकी वाणिज्य सचिव होवार्ड लुटनिक
वाणिज्य सचिव ने कहा कि व्यापार से जुड़े मुद्दे समय के साथ हल हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए भारत को अमेरिका के साथ सहयोग करना होगा। लुटनिक ने कहा, 'अगर भारत अमेरिकी उपभोक्ताओं तक अपने उत्पाद पहुंचाना चाहता है तो उसे अमेरिकी प्रशासन के साथ काम करना होगा। ये मुद्दे धीरे-धीरे सुलझ जाएंगे, लेकिन इसके लिए समय लगेगा। बड़े देश जैसे भारत को समय के साथ समाधान निकालना होगा।'
उन्होंने आगे कहा कि 2026 की अर्थव्यवस्था डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की प्राथमिकता होगी और इसके लिए भारत सहित अन्य बड़े देशों को सहयोग करना जरूरी है।
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इससे पहले भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम अमेरिका का दौरा कर चुकी है। वाणिज्य मंत्रालय ने 26 सितंबर को कहा कि इस दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सफल बातचीत हुई। दोनों देशों ने व्यापारिक सहयोग बढ़ाने, निवेश के नए अवसर तलाशने और आपसी संबंध मजबूत करने पर चर्चा की।
हालांकि अभी तक भारत और अमेरिका के बीच कोई औपचारिक ट्रेड डील साइन नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच संवाद जारी है। अमेरिका की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत को अमेरिकी हितों का सम्मान करते हुए नीतियों में सुधार करना होगा और बाजार खोलने होंगे।
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विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत ने इन पहलुओं पर ध्यान दिया तो अमेरिका के साथ लंबित ट्रेड डील जल्दी ही संभव हो सकती है। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार के नए अवसर खुल सकते हैं, जो दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेंगे।