IND vs ENG: Lord’s Test के आखिरी दिन होगा असली टेस्ट, राहुल पर नजरें, क्या पंत करेंगे अंत?

लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की जीत की राह उतनी आसान नही नजर आ रही जितनी दिख रही है, टीम इंडिया के लिए चौथे दिन का अखिरी घंटा बेहद खराब साबित हुआ।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 14 July 2025, 2:47 PM IST
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New Delhi: लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की जीत की राह उतनी आसान नही नजर आ रही जितनी दिख रही है, टीम इंडिया के लिए चौथे दिन का अखिरी घंटा बेहद खराब साबित हुआ।

महज 193 रन का लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने महज 58 रन पर कप्तान गिल समते चार विकेट गिर चुके हैं।

इंग्लैंड के 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन 58 रन पर चार विकेट गंवा दिए हैं। केएल राहुल चौथे दिन 33 रन बनाकर नाबाद हैं और पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजों को संभलकर खेलना होगा। अब पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजों को संभल कर खेलनी होगा। खासकर केएल राहुल को अपनी पारी को आगे बढ़ाना होगा और एक अहम पारी खेलकर टीम को जीत दिलानी होगी। वहीं, ऋषभ पंत भी भारत के लिए अहम होंगे। दोनों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी।

पहले घंटे का खेल अहम

टेस्ट के अखिरी असली टेस्ट होगा, आखिरी दिन भारत को अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। लॉर्ड्स टेस्ट रोमांचित हो गया है। आखिरी दो दिनों से मैच काफी रोमांचक हो गया था। मैच अब पूरी तरह से खुल गया है। दोनों टीमों ने शानदार क्रिकेट खेला है।

बॉल के बाद बल्ले से करना होगा अति सुंदर

वाशिंगटन सुदंर जो रूट और जेमी स्मिथ को आउट करना, उसने मैच को बदल कर रख दिया। लेकिन इसके बाद हमने 4 विकेट खो दिए हैं। वाशिंगटन सुदंर का काम अभी खत्म नहीं हुआ है। अब उन्हें बैटिंग से भी कमाल करना होगा। सुदंर को अब बल्लेबाजी से कमाल करना होगा। वाशिंगटन सुंदर यदि बैटिंग से भी कमाल करते हैं तो यह टेस्ट मैच उनके लिए काफी यादगार हो जाएगा।

केएल राहुल और ऋषभ पंत पर बड़ी जिम्मेदारी

केएल राहुल और ऋषभ पंत काफी अहम है। यदि दोनों ने मिलकर पारी को संभाला और टीम के स्कोर को 100 के पार ले जाने में सफल रहे तो भारत यह मैच जीत जाएगा। लेकिन अभी भी पलड़ा इंग्लैंड के पास है।

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में लॉर्ड्स में केवल छह बार 190 या उससे ज़्यादा रनों का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया गया है। इनमें से दो बार पिछले तीन सालों में ऐसा हुआ है। पिछले महीने ही, साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथी पारी में 282 रनों का पीछा करते हुए अपना पहला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप खिताब जीता था।

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