Golden Dome scheme: डोनाल्ड ट्रंप बनाने जा रहे अमेरिका का महाकवच, जानिए क्या है अमेरिकी राष्ट्रपति की गोल्डन डोम योजना

अमेरिकी संसद में अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्डन डोम नामक एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली का प्रस्ताव रखा। जानिए इसकी खास बातें, पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 21 May 2025, 3:14 PM IST
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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद में दिए अपने भाषण में एक नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम गोल्डन डोम का प्रस्ताव रखा था। अब ट्रंप ने इस सिस्टम की तैनाती के लिए आधिकारिक मंजूरी भी दे दी है। ट्रंप का कहना है कि यह ऐसी चीज है जो हम चाहते हैं और हम इसे उच्चतम स्तर पर बनाएंगे। यह सिस्टम अमेरिका का पहला ऐसा डिफेंस सिस्टम होगा, जिसमें अंतरिक्ष में हथियार तैनात किए जाएंगे। गोल्डन डोम का निर्माण 175 बिलियन डॉलर (करीब 14.5 लाख करोड़ रुपये) की लागत से किया जाएगा।

अमेरिका को क्यों चाहिए गोल्डन डोम?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अमेरिका के पास पहले से ही पैट्रियट मिसाइल डिफेंस और THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम जैसे कुछ मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं, जो विभिन्न हमलों से बचाने में सक्षम हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ये सिस्टम मौजूदा समय की हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था अभी भी बिखरी हुई मानी जाती है और ऐसे में एक केंद्रीकृत सुरक्षा कवच की जरूरत महसूस की जा रही है।

आयरन डोम से अलग है गोल्डन डोम

गोल्डन डोम इजरायल के आयरन डोम से कहीं अधिक उन्नत और बड़े पैमाने पर रक्षा प्रणाली है। इजरायल का आयरन डोम एक छोटे देश के लिए है, जबकि अमेरिका क्षेत्रफल में बहुत बड़ा है, इसलिए अमेरिका के भौगोलिक क्षेत्र में इस प्रणाली को तैनात करना एक बड़ी चुनौती होगी। आयरन डोम 2011 से रॉकेट हमलों का मुकाबला कर रहा है, और इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से अधिक है।

ट्रंप प्रशासन के अनुसार, गोल्डन डोम अमेरिका के लिए एक नया और अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा कवच होगा, जो न केवल रॉकेट हमलों से सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि अंतरिक्ष में तैनात हथियारों की मदद से संभावित खतरों से भी बचाएगा। इस रक्षा प्रणाली का उद्देश्य अमेरिका की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाना है, ताकि भविष्य में मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोका जा सके।

गोल्डन डोम सिस्टम कैसे काम करता है?

गोल्डन डोम अमेरिका द्वारा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए विकसित एक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है। यह प्रणाली अंतरिक्ष में तैनात हथियारों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के खतरों से सुरक्षा प्रदान करेगी।

इस प्रकार काम करता है गोल्डन डोम

सेंसर और रडार

गोल्डन डोम का सबसे अहम हिस्सा इसके सेंसर और रडार सिस्टम होंगे। यह रडार सिस्टम दुश्मन की तरफ से लॉन्च की गई मिसाइलों, ड्रोन या दूसरे हमलावरों का पता लगाने का काम करेगा। रडार द्वारा इन खतरों का पता लगाने के बाद यह सिस्टम को अलर्ट कर देगा, जिससे तुरंत प्रतिक्रिया की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

हथियारों का प्रक्षेपण

जब रडार द्वारा किसी खतरे की पहचान की जाएगी, तो गोल्डन डोम की अंतरिक्ष में तैनात मिसाइलों और हथियारों के ज़रिए उस खतरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह सिस्टम दुश्मन की मिसाइलों या दूसरे हथियारों को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम होगा।

दूसरी सुरक्षा प्रणालियाँ

गोल्डन डोम अन्य अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों जैसे पैट्रियट, THAAD और एरो के साथ समन्वय में काम करेगा। यह प्रणाली एक व्यापक सुरक्षा कवच का निर्माण करेगी, जो विभिन्न स्तरों पर सुरक्षा प्रदान करेगी।

उच्च प्रौद्योगिकी

गोल्डन डोम की खासियत यह है कि इसमें अंतरिक्ष में तैनात हथियार और मिसाइल रोधी तकनीक शामिल होगी, जो अन्य रक्षा प्रणालियों से अलग और अत्याधुनिक होगी। इस तकनीक के जरिए अमेरिका न सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा कर सकेगा, बल्कि कई तरह की हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों का भी मुकाबला कर सकेगा।

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