चीन ने भारत के दवा उत्पादों पर आयात शुल्क घटाकर शून्य किया, भारतीय कंपनियों को मिलेगा बड़ा लाभ

चीन ने भारत के दवा उत्पादों पर 30% आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया है, जिससे भारतीय दवा कंपनियों को एक बड़ा अवसर मिल सकता है। यह कदम अमेरिका द्वारा फार्मा उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने के बाद उठाया गया है। अब भारतीय कंपनियां चीन को बिना किसी शुल्क के दवाएं निर्यात कर सकेंगी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 29 September 2025, 8:28 AM IST
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New Delhi: चीन ने भारत से आने वाली दवाओं पर 30% आयात शुल्क को शून्य कर दिया है। यह कदम चीन की सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मा उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने के ठीक बाद उठाया है। अब भारतीय दवा निर्माता कंपनियां बिना किसी सीमा शुल्क के चीन को अपनी दवाएं निर्यात कर सकेंगी, जिससे भारतीय दवा उद्योग को बहुत बड़ा लाभ हो सकता है।

अमेरिका ने बढ़ाया आयात शुल्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो दिन पहले फार्मा उत्पादों सहित कई अन्य सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया था। इनमें फार्मा उत्पादों पर 100% आयात शुल्क बढ़ाना प्रमुख था। यह नया शुल्क 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इससे अमेरिका में भारतीय दवाएं महंगी हो जाएंगी और इसके परिणामस्वरूप भारतीय दवा कंपनियों को नुकसान हो सकता है।

प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)

ट्रंप के फैसले का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 100% आयात शुल्क बढ़ाने से भारतीय दवा उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। भारत पिछले वित्त वर्ष में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये (27.9 अरब डॉलर) मूल्य की दवाओं का निर्यात कर चुका है, जिनमें से बड़ी मात्रा अमेरिका को भेजी जाती है। अमेरिका में भारतीय दवाएं सस्ती होती हैं, लेकिन अब ट्रंप के टैरिफ से इन दवाओं की कीमतें बढ़ जाएंगी, जो अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाओं की मांग को प्रभावित कर सकता है।

चीन में भारतीय दवाओं के लिए बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

हालांकि, चीन के कदम से भारतीय दवा उद्योग को राहत मिल सकती है। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा निर्माता है, अब चीन को बिना किसी आयात शुल्क के दवाएं भेज सकेगा। चीन की बाजार क्षमता को देखते हुए भारतीय दवा कंपनियों के लिए यह अवसर काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत-चीन व्यापार में संतुलन बनेगा, और भारत को इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा।

विकसित देशों के मुकाबले चीन में सस्ती दवाओं की मांग

भारत की दवाएं आमतौर पर सस्ती होती हैं, और चीन जैसी बड़ी आबादी वाले देश में इन दवाओं की भारी मांग हो सकती है। भारत ने पहले ही अपनी जेनेरिक दवाओं और टीकों का निर्यात बड़े पैमाने पर किया है और अब चीन में इन उत्पादों को बेचना भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।

चीन-भारत व्यापार संबंधों में नया अध्याय

चीन द्वारा आयात शुल्क को शून्य करने से भारतीय दवा कंपनियों को चीन के विशाल बाजार में अपने उत्पादों को पहुंचाने का बेहतर मौका मिलेगा। यह कदम भारत और चीन के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत कर सकता है और भारतीय फार्मा कंपनियों को अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

भारत में रोजगार और आय में वृद्धि

भारत-चीन व्यापार संबंधों में इस नए बदलाव से भारतीय दवा उद्योग में रोजगार और आमदनी दोनों में वृद्धि हो सकती है। भारतीय फार्मा कंपनियां चीन में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए नए उत्पादन संयंत्र स्थापित कर सकती हैं, जिससे भारतीय बाजार में और अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा, भारतीय दवाओं की वैश्विक आपूर्ति शृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 29 September 2025, 8:28 AM IST

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