

जनपद के सपाइयों ने एक साथ फिल्म फुले देखा है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
सपाइयों ने देखा फिल्म फुले
महराजगंज: सामाजिक न्याय के सजग प्रहरी महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी शिक्षाविद् सावित्री बाई फुले के जीवन संघर्ष पर आधारित फिल्म ‘फुले‘ का जनपद के एक पिक्चर हाल में देखा गया है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव के नेतृत्व में तमाम जनपद भर के समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिलाध्यक्ष ने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी के संघर्षों पर आधारित यह फिल्म बनी है।
इस फिल्म से बहुत कुछ सीखने को मिला है।
साथ ही साथ महात्मा फुले और सावित्री बाई फूले का पूरा जीवन सामंतीतत्वों से संघर्ष, पाखंड के विरोध और समाज के शोषित, वंचित वर्ग के उत्थान तथा शिक्षा प्रसार में बीता। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए जो लड़ाई शुरू की समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडीए के माध्यम से उसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर बाबा साहब वाहिनी के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष श्रवण पटेल, जिला उपाध्यक्ष अमरनाथ यादव, प्रणव गौतम, बिद्रेश कन्नौजिया, नौशाद आलम, राहुल शर्मा, अमरजीत साहनी, विकर्म यादव, संजय यादव, अमित यादव, संजय कन्नौजिया, शमीम कगन, सतीश यादव, विजय यादव, हरिकिशन यादव, हरिप्रताप उर्फ़ गोलू पासवान, सत्यभामा सिंह, इंदु गौतम, संगीता गौतम, हीरालाल जख्मी, डाक्टर एस एस पटेल, रामचंदर बौद्ध, बालगोपाल, जोखन यादव, अमन खान साहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फिल्म देखा।
'फुले' की कहानी
'फुले' एक बायोग्राफिकल फिल्म है, जो 19वीं सदी में भारत में जातिगत भेदभाव, अशिक्षा और लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है और इसमें प्रतीक गांधी और पत्रलेखा ने मुख्य किरदार निभाए हैं। इसके अलावा विनय पाठक, सुरेश विश्वकर्मा और दर्शील सफारी जैसे कलाकार भी फिल्म का हिस्सा हैं।
रिलीज से पहले विवाद
'फुले' की रिलीज से पहले कुछ समूहों ने इसकी कहानी में जातिगत भेदभाव के चित्रण पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, फिल्म के रिलीज होने के बाद इसने दर्शकों का दिल जीत लिया। यह फिल्म न केवल फुले दंपती के संघर्ष को दिखाती है, बल्कि आज के भारत में भी उनकी शिक्षाओं और सुधारों की कहानी भी पेश करती है।
'फुले' को डांसिंग शिवा फिल्म्स और किंग्समेन प्रोडक्शंस ने मिलकर प्रोड्यूस किया है, जबकि इसका वितरण जी स्टूडियोज ने किया है। फिल्म की कहानी और इसके किरदार दर्शकों को 19वीं सदी के भारत की सामाजिक चुनौतियों की गहराई में ले जाते हैं।