Deepika Padukone की शिफ्ट डिमांड पर उठा बड़ा सवाल, क्या इंडस्ट्री को चाहिए नया सिस्टम?

अभिनेता अली फजल ने दीपिका के 8 घंटे शिफ्ट डिबेट पर चुप्पी तोड़ी, कहा- फिल्म इंडस्ट्री में काम की प्रकृति अलग है, यहां सहमति से तय होने चाहिए घंटे।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 18 July 2025, 12:08 PM IST
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New Delhi: बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा शूटिंग के लिए 8 घंटे की निर्धारित शिफ्ट की मांग करना अब इंडस्ट्री में एक बहस का मुद्दा बन गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसी डिमांड के चलते उन्हें संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'स्पिरिट' से बाहर कर दिया गया था। उनके स्थान पर अब तृप्ति डिमरी को कास्ट किया गया है।

दीपिका की डिमांड ने खड़ा किया बड़ा सवाल

दीपिका की इस मांग के पीछे उनका मातृत्व काल और परिवार के साथ समय बिताने की इच्छा बताई गई है। हालांकि इंडस्ट्री के कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ ने चुप्पी या डिप्लोमैटिक जवाब देना ही बेहतर समझा है।

अली फजल ने तोड़ी चुप्पी, कहा- यह कोई कॉर्पोरेट जॉब नहीं

अब अभिनेता अली फजल ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है। एक मीडिया बातचीत में उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि सभी संतुष्ट रहें। आखिरकार, हम क्रिएटिव इंडस्ट्री में हैं। यह कोई कॉर्पोरेट जॉब नहीं है, जिसमें फिक्स घंटे तय हों। किसी को बुरा न लगे, लेकिन हमारे पेशे में सहानुभूति की जरूरत होती है। कलाकारों, तकनीशियनों और प्रोड्यूसर्स के बीच आपसी सहमति से काम के घंटे तय होने चाहिए।

Deepika Padukone Shift Debate

अभिनेता अली फजल (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

अली ने साफ तौर पर कहा कि हर प्रोजेक्ट की जरूरतें अलग होती हैं। इसलिए यह जरूरी नहीं कि हर फिल्म 8 घंटे में शूट की जा सके। कुछ फिल्मों में VFX ज्यादा होता है, तो कुछ में इमोशनल ड्रामा या एक्शन सीन- जिनमें स्वाभाविक रूप से अधिक समय लगता है।

जॉनर के अनुसार बदलता है काम करने का तरीका

अली फजल ने इस बात पर जोर दिया कि फिल्म की जॉनर यानी शैली यह तय करती है कि काम कितने घंटे चलेगा। कोई भी एक तय ढांचा नहीं बना सकता। हर फिल्म की डिमांड अलग होती है। यह सब विषय पर निर्भर करता है। इसे लेकर किसी से पक्ष लेने की उम्मीद करना या दबाव डालना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री की प्रकृति ही लचीली और रचनात्मक है, इसमें सख्त नियम लागू करना प्रैक्टिकल नहीं है।

दीपिका को मिला सेलेब्स का सपोर्ट

दीपिका की इस मांग पर कई सेलेब्स ने उनका समर्थन किया है। काजोल, अजय देवगन और सोनाक्षी सिन्हा जैसे कलाकारों ने सीधे या परोक्ष रूप से कहा कि इंडस्ट्री को अब वर्क-लाइफ बैलेंस की दिशा में सोचना चाहिए। हालांकि कुछ निर्माता-निर्देशक इस पर असहज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि शूटिंग शेड्यूल पहले से ही काफी चुनौतीपूर्ण होता है, और इस तरह की शर्तें प्रोजेक्ट्स की टाइमलाइन पर असर डाल सकती हैं।

‘स्पिरिट’ से हटाई गईं दीपिका, तृप्ति को मिली जगह

सूत्रों के अनुसार, संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ से दीपिका को इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने 8 घंटे की शिफ्ट और अधिक फीस की मांग की थी। इसके बाद फिल्म में उनकी जगह तृप्ति डिमरी को कास्ट कर लिया गया, जो ‘एनिमल’ जैसी फिल्मों से चर्चा में आई हैं।

क्या फिल्म इंडस्ट्री में बदलेगा काम करने का तरीका?

दीपिका पादुकोण के इस कदम ने बॉलीवुड में वर्किंग कंडीशन्स और मानवता आधारित शूटिंग शेड्यूल को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अली फजल जैसे कलाकारों की बात से यह साफ है कि अब इंडस्ट्री को यह विचार करना होगा कि क्रिएटिव प्रोसेस के साथ संतुलन कैसे कायम रखा जाए। क्या आने वाले समय में वर्किंग ऑवर्स को लेकर नई गाइडलाइन्स बनेंगी? यह देखना दिलचस्प होगा।

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