

बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे में देरी और जल्दबाजी ने कई उम्मीदवारों को भारी नुकसान पहुंचाया। सुगौली विधानसभा से राजद के शशि भूषण सिंह का नामांकन नियमों का पालन न करने के कारण रद्द हो गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव
Patna: बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर गठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे में हुई देरी ने कई उम्मीदवारों की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है। चुनाव की तारीख नजदीक आते ही उम्मीदवारों को नामांकन प्रक्रिया पूरी करनी होती है, लेकिन समय की कमी ने कई प्रत्याशियों को बिना पूरे नियमों का पालन किए नामांकन करने पर मजबूर कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ बड़े उम्मीदवारों के नामांकन ही रद्द हो गए।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मौजूदा विधायक और विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया है। विकासशील इंसान पार्टी फिलहाल चुनाव आयोग में एक क्षेत्रीय दल के रूप में दर्ज है, लेकिन निबंधित पार्टी नहीं है। ऐसे दल के प्रत्याशियों को नामांकन के दौरान कम से कम 10 प्रस्तावकों के साथ आवेदन देना आवश्यक होता है।
बिहार विधानसभा चुनाव
सुगौली से राजद के एक बागी उम्मीदवार ओम प्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया है। चुनाव आयोग के अनुसार, ओम प्रकाश चौधरी ने नामांकन पत्र के कई पृष्ठ खाली छोड़ दिए थे, जो चुनाव नियमों के उल्लंघन के अंतर्गत आता है।
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शशि भूषण सिंह और ओम प्रकाश चौधरी के नामांकन रद्द होने के बाद सुगौली विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला अब और भी दिलचस्प हो गया है। यहां अब जन सुराज पार्टी के अजय झा और एनडीए समर्थित लोजपा रामविलास के प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के बीच प्रतिस्पर्धा है।
विश्लेषकों का कहना है कि गठबंधन के दलों के बीच सीटों का देर से बंटवारा और जल्दबाजी में नामांकन करने से उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। यदि समय रहते योजना बनाई जाती और नियमों की सही जानकारी उम्मीदवारों को दी जाती तो यह नुकसान टाला जा सकता था।
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चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि चुनाव प्रक्रिया में नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। किसी भी नियम उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र को ठीक प्रकार से भरना और आवश्यक प्रस्तावकों की संख्या पूरी करना आवश्यक है।