

बिहार चुनाव 2025 में ओम प्रकाश राजभर ने अकेले मैदान में उतरने की घोषणा की है। एनडीए से सीट न मिलने पर राजभर ने नाराजगी जताई और कहा कि वे 153 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। संकेत दिए कि बीजेपी चाहे तो समझौता संभव है।
ओम प्रकाश राजभर
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। इस बार चुनावी जंग केवल बिहार की पार्टियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति की भी स्पष्ट छाया इसमें देखने को मिल रही है। इस कड़ी में अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी बिहार में 153 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
ओम प्रकाश राजभर शुरुआत में एनडीए गठबंधन के तहत बिहार चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्होंने 4-5 सीटों की मांग की थी, लेकिन बिहार बीजेपी इकाई ने उन्हें कोई सीट नहीं दी। राजभर ने इस बात पर नाराज़गी जताई और आरोप लगाया कि बिहार बीजेपी को डर था कि अगर राजभर को मौका मिला, तो उन्हें सरकार में शामिल करना पड़ेगा और विभाग भी देना पड़ेगा।
बलिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि आज भी अगर बीजेपी हमें 3-4 सीटें दे दे, तो हम अभी पर्चा वापस ले लेंगे। यह बयान यह दर्शाता है कि ओपी राजभर पूरी तरह से एनडीए से रिश्ता नहीं तोड़ना चाहते, बल्कि अभी भी बातचीत के लिए दरवाज़ा खुला रखे हुए हैं। इसे राजनीतिक विश्लेषक ‘पॉलिटिकल प्रेशर टैक्टिक’ भी मान रहे हैं।
बिहार चुनाव 2025: लालू यादव का बड़ा सियासी दांव, इस दिग्गज नेता की साली को दिया टिकट
राजभर ने यह भी घोषणा की है कि वे 153 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं और इसकी पहली सूची जिसमें 47 उम्मीदवारों के नाम होंगे, आज या कल जारी की जाएगी। उनका दावा है कि उनकी पार्टी का बिहार में जनाधार बढ़ रहा है और जनता परिवर्तन चाहती है।
ओपी राजभर ने पुरानी घटनाओं को याद करते हुए कहा कि जब बाई-इलेक्शन हुआ था, तो हमने करारी और रामगढ़ से पर्चा भरा था, लेकिन वहां के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम चुनाव हार जाएंगे, आप पर्चा वापस ले लीजिए। राजभर के इस बयान से यह साफ होता है कि वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और बीजेपी नेतृत्व द्वारा गंभीरता से न लिए जाने को लेकर खफा हैं।
ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि उनकी मांग बहुत बड़ी नहीं थी। हम केवल 4-5 सीटें बिहार में चाहते थे। लेकिन हमें मौका ही नहीं दिया गया। यह बयान ना सिर्फ बीजेपी के प्रति उनकी नाराजगी दर्शाता है बल्कि इस बात की तरफ भी इशारा करता है कि सुभासपा अब बिहार में अपनी राजनीतिक ज़मीन तलाशने की कोशिश कर रही है।
दिलचस्प बात यह है कि ओपी राजभर ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का कोई असर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ उनके गठबंधन पर नहीं पड़ेगा। "हम यूपी में NDA का हिस्सा हैं और रहेंगे। बिहार की राजनीति अलग है," राजभर ने कहा।