उन्नाव रेप पीड़िता और उसकी मां ने सीबीआई पर भरोसा न होने की बात कही है। सेंगर को मिली जमानत के खिलाफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। पीड़िता परिवार ने न्याय व्यवस्था और जांच एजेंसी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

उन्नाव रेप पीड़िता और मां
New Delhi/Unnao: उन्नाव रेप मामले में पीड़िता और उसकी मां ने शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर गहरा अविश्वास जताया है। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय सामने आई है, जब सीबीआई ने पूर्व उत्तर प्रदेश विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़िता के परिवार का कहना है कि कानूनी कदम उठाने के बावजूद सीबीआई की भूमिका पर उनके मन में गंभीर संदेह बना हुआ है।
पीड़िता की मां ने सीबीआई की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी से भरोसा तभी बनेगा, जब वह उनसे सीधे संवाद करेगी। उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई हमसे मिलेगी, तभी हम भरोसा कर पाएंगे। वरना कैसे करें? हमने सिर्फ इतना कहा था कि जांच अधिकारी अदालत में सेंगर की बेटी से बात कर रहा था। जब उससे पूछा गया कि क्या वह पीड़िता को जानता है, तो उसने भरी अदालत में कहा-‘मैं उसे क्यों जानूं?’
पीड़िता ने भी सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि अगर एजेंसी निर्णायक समय पर उनके वकील के साथ मजबूती से खड़ी होती, तो आज हालात अलग होते। पीड़िता के शब्दों में अगर सीबीआई हमारे वकील के साथ खड़ी रहती, तो हम जीत जाते और वे हार जाते। लेकिन हमें अकेला छोड़ दिया गया।
पीड़िता ने अपने परिवार की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि दूसरी तरफ जश्न का माहौल है, जबकि उनका सब कुछ उजड़ चुका है। उसने कहा कि उनके यहां पटाखे फूट रहे हैं। हमारे परिवार से पूछिए मेरे पिता की हत्या हुई, मुझे और मेरे पति को नौकरी से निकाल दिया गया। हम क्या खाएं, कहां जाएं? मेरे दो नवजात बच्चे हैं। पीड़िता का कहना है कि न्याय की लड़ाई ने उसके परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
पीड़िता ने न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए। उसने आरोप लगाया कि एक परिवार को डराया गया और दूसरे को राहत दी गई। उसका कहना था कि यह अन्याय है कि एक परिवार को प्रताड़ित किया गया और दूसरे को खुली छूट मिल गई। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं, कोई विशेष रियायत नहीं।
इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर 2025 के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित करते हुए उसे जमानत दी थी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।
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हालांकि उन्नाव रेप मामले में जमानत मिलने के बाद भी कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल में ही रहेगा। उसे एक अन्य सीबीआई केस में हत्या के मामले में 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है, जिसे वह वर्तमान में काट रहा है। इस कारण उसकी तत्काल रिहाई नहीं होगी।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में अदालत ने उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। यह फैसला उस समय न्याय की बड़ी जीत के रूप में देखा गया था। अब जमानत मिलने के बाद पीड़िता के परिवार को डर है कि न्याय की दिशा कमजोर पड़ सकती है।