

रायबरेली में डॉक्टरों की शिकायत पर दो व्यापारियों पर रायबरेली नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ में पढिये पूरी खबर
रायबरेली: रायबरेली नगर कोतवाली पुलिस ने दो व्यापारी बंधुओं पर शहर के दो डॉक्टरों से पैसे के मामले और धोखाधड़ी करने के जुर्म में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद जनपद में हड़कंप मच गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह छाबड़ा व उनके भाई रवीन्द्र सिंह छाबड़ा के खिलाफ शहर के कई नामी डाक्टरों ने धोखाधड़ी करके करोड़ों रूपए हड़पने का आरोप लगाया है। आरोप लगाने के बाद उन्होंने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पीड़ित ने बताया पूरा मामला
रायबरेली नगर कोतवाली में डॉ संजीव कुमार जायसवाल पुत्र ओ०पी० जायसवाल ने मुकदमा दर्ज कराया है। डॉ संजीव कुमार पुलिस लाइन चौराहा के निवासी है जो कि पेश से एक डॉक्टर हैं। डॉक्टर का कहना है कि त्रिलोचन सिंह छाबडा का उनके घर आना जाना था। उन्होंने मुझे छल पूर्वक प्रॉपर्टी दिलाने की लालच देकर एडवांस में पैसे ले लिए। तब से लेकर अब तक डॉक्टर संजीव कुमार इसे पैसे मांगते रहे लेकिन इन्होंने पैसे वापस नहीं लौटए हैं। डॉ संजीव कुमार ने बताया कि छाबड़ा ने अब तक उन्हें 50-50 हजार करके तीन किस्त यानी डेढ लाख रुपया वापस किए हैं। वहीं शेष रकम आज भी वापस नहीं की है।
त्रिलोचन ने जान से मारने की दी धमकी
अपनी राजनीतिक ऊंची पहुंच की ध्यान देते हैं मुकदमे की तहरीर को माने तो त्रिलोचन सिंह छाबडा ने डॉक्टर को जान से मारने की धमकी भी दी है। दूसरा मुकदमा भी नगर कोतवाली में दर्ज किया गया है। इस मुकदमे में भी छाबडा बंधु ही है। वादी मुकदमा डॉक्टर मनीष त्रिवेदी ने बताया कि रविंद्र सिंह छाबडा निवासी फिरोज गांधी नगर रायबरेली ने भी 20 लाख रुपए व्यापार में कमी पढ़ने का बहाना बनाकर लिया। डॉ मनीष त्रिवेदी का कहना है कि अब जब रविंद्र सिंह से पैसे वापस मांगता हूं तो मुझे कहते हैं व्यापार में मेरे घटा हो गया मैं पैसा वापस नहीं दूंगा ज्यादा करोगे तो तुम्हारी जान ले लूंगा।
डेढ दशक से चल रहा था ये मामला
यह तो बात हुई दो मुकदमे दो डॉक्टर और दो छाबडा बंधु की लेकिन इसके पीछे की असल कहानी कुछ और है। बताया जाता है की पैसों की हेरा फेरी का खेल छाबडा शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर व्यापारी रसूखदार राजनेताओं से गठ जोडकर के लगभग डेढ दशक से चल रहा था। और इससे पैसा वसूलने की कुबत किसी में नहीं थी क्योंकि इसके प्रशासनिक अधिकारियों की परिक्रमा को देखकर व्यापारी वर्ग जो इन पर पैसा लगता है वह कभी हिम्मत नहीं जुटा पाता था।
लेकिन वर्तमान पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह के आने से पीडितों के अंदर आत्मबल का सूजन हुआ है, उसी का परिणाम है कि इन छाबडा बंधुओ की खुलकर मुखालफत की गई और बेहतर परिणाम मुकदमों के रूप में दिख रहा है। आगे भी छाबडा बंधुओ से त्रस्त लोग अपना धन लुटवा चुके लोग सामने आएंगे।