

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंदिर और मकबरे को लेकर गहराया विवाद सांप्रदायिक तनाव का कारण बन गया है। हिंदू संगठनों ने इसे प्राचीन मंदिर बताया है, वहीं मुस्लिम पक्ष इसे नवाब का मकबरा कह रहा है। विवाद के बीच हिंसा, तोड़फोड़ और FIR की कार्रवाई ने पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक रंग दे दिया है।
फतेहपुर में मंदिर-मकबरा विवाद
Fatehpur News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अबूनगर मोहल्ले में एक धार्मिक स्थल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू संगठन दावा कर रहे हैं कि यह स्थल वास्तव में हजारों साल पुराना भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर है जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह नवाब अब्दुल समद का ऐतिहासिक मकबरा है। यह विवाद धीरे-धीरे सड़क पर उतर आया और सोमवार को हिंसक हो गया, जब सैकड़ों हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता इस स्थल पर पहुंचे और अंदर घुसकर पूजा-पाठ करने लगे।
हिंसा और तोड़फोड़, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सोमवार को हुए घटनाक्रम में हालात तब बिगड़े जब भीड़ ने मकबरे में तोड़फोड़ शुरू कर दी। वायरल हो रहे वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है कि लोग धार्मिक स्थल के अंदर घुसकर मजारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि भीड़ झंडे, डंडे, लाठी और बल्ली लेकर पहले से तैयार होकर आई थी। लोगों ने बेरिकेटिंग तोड़कर अंदर प्रवेश किया और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की।
FIR में बीजेपी, बजरंग दल और सपा नेताओं के नाम
घटना के बाद फतेहपुर पुलिस ने दर्जनों लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिनमें स्थानीय बीजेपी नेता, बजरंग दल के कार्यकर्ता और सपा से जुड़े लोग शामिल हैं।
• अभिषेक शुक्ला
• धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल जिला संयोजक)
• प्रसून तिवारी (बीजेपी युवा मोर्चा जिला महामंत्री)
• पप्पू सिंह चौहान
• पुष्पराज पटेल (बीजेपी महामंत्री, फतेहपुर)
• अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी
• देवनाथ धाकड़े सहित अन्य।
बीजेपी जिला अध्यक्ष और हिंदू महासभा नेता का नाम चर्चा में
इस विवाद में बीजेपी के फतेहपुर जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल की भूमिका भी सामने आई है। वायरल वीडियो में वे खुद कह रहे हैं कि उनकी अगुवाई में पूजा की गई। हालांकि, उनका नाम अभी FIR में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा, हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी का भी नाम सामने आया है। उन्होंने कहा कि वे खुद पूजा के लिए वहां गए थे क्योंकि "यह मंदिर ठाकुर जी का है, न कि मकबरा।"
राजनीतिक घमासान तेज, सपा-बीजेपी आमने-सामने
इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए किया गया है। वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार को तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देनी चाहिए जिससे भाईचारा बिगड़े।
भारी फोर्स तैनात
घटना के बाद फतेहपुर में माहौल तनावपूर्ण है। प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की हिंसा या कानून व्यवस्था में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब CCTV फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर और लोगों की पहचान कर रही है। प्रशासन का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।