

CBI ने मध्य प्रदेश के सीधी जिले में SBI के एक फील्ड ऑफिसर को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मुद्रा लोन के बदले 50,000 रुपये की मांग की थी। अब उसे CBI कोर्ट में पेश किया गया है, पढ़ें पूरी खबर।
मध्य प्रदेश में CBI का बड़ा एक्शन
Madhya Pradesh: देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक बड़ी कार्रवाई की है। यहां भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक फील्ड ऑफिसर को एक शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी एक सुनियोजित योजना और शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें आरोपी बैंक अधिकारी द्वारा मुद्रा लोन स्वीकृति से जुड़े काम में घूस मांगे जाने की बात सामने आई थी।
शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई
CBI ने 11 अक्टूबर को आरोपी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना" के तहत 5 लाख रुपये का लोन SBI से लिया था। इस लोन को जारी करने के बाद बैंक के फील्ड ऑफिसर ने शिकायतकर्ता से कुल लोन राशि का 10 प्रतिशत 50,000 रुपये रिश्वत के रूप में मांगा था।
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शिकायत मिलने के बाद CBI ने आरोपी पर नजर रखनी शुरू की और रिश्वत की रकम तय होने तक की बातचीत को रिकॉर्ड भी किया गया। बाद में शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच बातचीत में 20,000 रुपये की रिश्वत पर सहमति बनी, जिसे दो किश्तों में देना तय हुआ।
रंगे हाथों पकड़ाया अधिकारी
CBI ने जाल बिछाकर पहले किश्त के रूप में 10,000 रुपये की रकम लेते हुए आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी की यह कार्रवाई सीधी जिले में ही की गई। गिरफ्तारी के दौरान CBI की टीम पहले से ही निगरानी कर रही थी और जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की रकम ली, उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। CBI अधिकारियों ने मौके से अहम दस्तावेज और रिश्वत की रकम भी जब्त की है, जो अब केस की पुख्ता सबूत के तौर पर अदालत में पेश किए गए।
न्यायालय में किया गया पेश
गिरफ्तार आरोपी को 12 अक्टूबर को जबलपुर में CBI मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जा रहा है। अदालत में CBI आरोपी की न्यायिक हिरासत की मांग कर सकती है। जिसके बाद आरोपी से पूछताछ की जाएगी।
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बैंकिंग सेक्टर में भ्रष्टाचार पर सवाल
यह मामला बैंकिंग सेक्टर में बढ़ते भ्रष्टाचार की एक और कड़ी को सामने लाता है, जहां सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आम नागरिकों को अफसरों की मनमानी और अवैध मांगों का सामना करना पड़ता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसे लघु और मध्यम वर्ग के लिए बनी योजनाओं में भी भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। CBI ने मामले की जांच तेज़ कर दी है और अन्य संभावित पीड़ितों या ऐसे ही लेन-देन की भी जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरोपी से पूछताछ में कुछ और जानकारियां सामने आई हैं, जिनकी पुष्टि की जा रही है।