

राजस्थान के रहने वाले और कतर में कार्यरत एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ 1.68 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर यह ठगी की गई और रकम करीब 300 अलग-अलग भारतीय बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। मामला अलीगढ़ साइबर थाना पहुंचा। जहां जांच के बाद आंशिक धनवापसी भी हुई है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Aligarh News: राजस्थान के निवासी और कतर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत एक व्यक्ति के साथ 1.68 करोड़ रुपये की ऑनलाइन साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित को शेयर बाजार में निवेश के नाम पर झांसे में लेकर यह रकम अलग-अलग किश्तों में करीब 300 भारतीय बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला अलीगढ़ जिले का है। जहां पीड़ित की शिकायत के आधार पर कोर्ट के आदेश से साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि रकम भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों के बैंक खातों में भेजी गई। जिससे यह साफ हुआ कि यह ठगी एक संगठित साइबर गैंग द्वारा की गई है।
पीडित को वापस कराए इतने रुपये
पुलिस की साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 1.63 लाख रुपये वापस कराए हैं, जबकि इससे पहले 6.72 लाख रुपये की राशि भी पीड़ित को लौटाई जा चुकी है। अभी भी ठगी गई बड़ी राशि की तलाश जारी है और बैंक खातों की विस्तृत जांच की जा रही है।
जिले में सबसे बड़ी ठगी
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि यह जिले में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी में से एक है। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और 300 से अधिक बैंक खातों की जानकारी एकत्र की जा चुकी है। जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी। इनमें से कई खाताधारक फर्जी पहचान पत्रों का प्रयोग कर बनाए गए थे, जिससे अपराधियों की पहचान मुश्किल हो रही है।
ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का दिया था लालच
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि पीड़ित को सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से एक निवेश ग्रुप में जोड़ा गया। जहाँ उसे शेयर ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। धीरे-धीरे आरोपी ने विश्वास जमाकर बड़ी धनराशि ट्रांसफर करवा ली। साइबर थाना द्वारा इस तरह के मामलों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। पुलिस ने बताया कि जल्द ही कुछ संदिग्ध खाताधारकों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे और फॉरेंसिक व डिजिटल ट्रेसिंग तकनीक से आरोपी तक पहुँचने का प्रयास किया जा रहा है।