

इस नए खुलासे ने छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। धर्मांतरण के इस सुनियोजित अभियान में गहरी साजिश और बाहरी संपर्कों का हिस्सा होना सामने आया है, जो कानून और समाज के लिए खतरनाक हो सकता है।
छांगुर बाबा मामले में नया खुलासा
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छांगुर बाबा मामले को लेकर अब एक नया सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने धर्मांतरण के लिए दुबई से विशेष ट्रेनरों को बुलवाया था और उनके द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इसके साथ ही छांगुर ने हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ किताबें छापने की भी तैयारी कर रखी थी। छांगुर के खिलाफ यह खुलासा धर्मांतरण के गहरे और योजनाबद्ध प्रयास को उजागर करता है, जिससे राज्य की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
धर्मांतरण के लिए दुबई से बुलवाए गए ट्रेनर
सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा ने विशेष रूप से धर्मांतरण के उद्देश्य से दुबई से मौलानाओं और धर्मगुरुओं को प्रशिक्षक के रूप में बुलवाया था। इन ट्रेनरों का मुख्य कार्य था, लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करना और धर्मांतरण के एक सुनियोजित तरीके को तैयार करना। यह ट्रेनिंग उन लोगों को दी जाती थी, जो छांगुर बाबा के नेटवर्क से जुड़कर अपने धर्म को बदलने के इच्छुक थे।
हिन्दू देवी-देवता विरोधी किताबों की छपाई की योजना
इसके साथ ही छांगुर बाबा ने हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ किताबें भी छापने की योजना बनाई थी। इन किताबों को इस उद्देश्य से प्रकाशित किया जाना था कि हिन्दू धर्म के सिद्धांतों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाए और लोगों के बीच भ्रम फैलाया जाए। इन किताबों के जरिए धर्मांतरण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाने की कोशिश की जा रही थी।
दो आलीशान कोठियों में गुप्त ट्रेनिंग
इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि छांगुर ने दो आलीशान कोठियों का निर्माण किया था, जहां इन विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था। इन कोठियों में तहखाने जैसे कमरे बनाए गए थे, जहां गुप्त रूप से धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी जाती थी। इन कोठियों का निर्माण एक विशेष उद्देश्य के लिए किया गया था, ताकि छांगुर के नेटवर्क से जुड़े लोग वहां एक सुरक्षित माहौल में प्रशिक्षण ले सकें और अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकें।
शिजर-ए-तैयबा किताब का उद्देश्य
इन सब के बीच शिजर-ए-तैयबा नामक किताब भी सामने आई है, जिसे छांगुर के नेटवर्क ने लिखा था। इस किताब का उद्देश्य था, इस्लाम धर्म को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करना, ताकि लोग आसानी से इसे समझ सकें और स्वीकार कर सकें। किताब में इस्लाम धर्म के सिद्धांतों को आसान शब्दों में रखा गया था, ताकि उन लोगों को भी आसानी से आकर्षित किया जा सके, जो धर्म परिवर्तन के इच्छुक थे।
छांगुर बाबा की जांच और आगे की कार्रवाई
इन सभी खुलासों के बाद, जांच एजेंसियों ने छांगुर बाबा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। छांगुर के खिलाफ जो सुराग मिले हैं, वे यह दिखाते हैं कि उसने धर्मांतरण की साजिश को एक संगठित और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम देने का प्रयास किया था। इसके अलावा, जिन कोठियों में यह गुप्त ट्रेनिंग हो रही थी, उनका भी सर्वे किया जा रहा है। एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि इन किताबों का वितरण किस स्तर पर किया गया और इस नेटवर्क का दायरा कितना व्यापक था।