‘मिशन अस्मिता’ को मिली सफलता, आईएसआईएस की तर्ज पर धर्मांतरण का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क उजागर, पढ़ें पूरी खबर

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा हुआ है। डीजीपी राजीव कृष्ण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आया कि एक नया गैंग आईएसआईएस की तर्ज पर लड़कियों को बरगलाकर उनका धर्मांतरण करा रहा था। इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को चलाने वाले गिरोह के 10 सदस्यों को आगरा पुलिस ने छह देशों में दबिश देकर गिरफ्तार किया है। गिरोह को अमेरिका, कनाडा, दुबई समेत कई देशों से करोड़ों की फंडिंग मिल रही थी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 20 July 2025, 7:37 AM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण का नेटवर्क लगातार बड़ा रूप लेता जा रहा है। छांगुर प्रकरण के बीच एक और बड़ा खुलासा तब हुआ जब डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रेस कांफ्रेंस में एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश किया। इस गिरोह की कार्यप्रणाली आईएसआईएस के "सिग्नेचर स्टाइल" से मिलती-जुलती थी। जिसमें टारगेट कर खास तौर पर लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें लालच, झांसा और भावनात्मक दबाव से धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था।

डीजीपी ने बताया कि इस गिरोह ने देश के कई राज्यों में जाल बिछाया हुआ था और यह सीधे तौर पर आतंकी संगठनों के नेटवर्क से जुड़ा था। आगरा पुलिस ने इस सिंडिकेट का खुलासा करते हुए छह देशों में दबिश देकर कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस नेटवर्क के तार कनाडा, अमेरिका, दुबई समेत कई देशों से जुड़े हैं और इन देशों से इन्हें करोड़ों रुपये की फंडिंग मिल रही थी।

‘मिशन अस्मिता’ के तहत कार्रवाई

डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत मिशन अस्मिता शुरू किया था। इसी मिशन के तहत पहले भी मोहम्मद उमर गौतम, मुती जहांगीर आलम कासमी जैसे लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब छांगुरगु बाबा उर्फ जमालुद्दीन उर्फ जलालुद्दीन जैसे आरोपी की गतिविधियों को उजागर किया गया है, जिसकी जांच एसटीएफ और एटीएस कर रही है। हाल की कार्रवाई में सामने आया है कि यह नया गिरोह एक अलग ऑपरेशन चला रहा था, जिसका छांगुरगु गैंग से फिलहाल कोई संबंध नहीं मिला है। यह गैंग मुख्य रूप से जेहादी विचारधारा को फैलाने, रेडिकलाइजेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की मंशा से काम कर रहा था।

गिरफ्तार किए गए आरोपी

1. आयशा (एसबी कृणा)- गोवा
2. अली हसन (शेखर रॉय)- कोलकाता
3. ओसामा- कोलकाता
4. रहमान कुरैशी- आगरा
5. अबूतालिब- खालापार, मुजफ्फरनगर
6. अबु रहमान- देहरादून
7. मोहम्मद अली- जयपुर, राजस्थान
8. जुनैद कुरैशी- जयपुर
9. मुस्तफा (मनोज)- दिल्ली
10. मोहम्मद अली- जयपुर

आईएसआईएस से प्रेरित मोडस ऑपरेंडी

डीजीपी ने बताया कि इस गिरोह की कार्यशैली आतंकी संगठन आईएसआईएस के तरीकों से मेल खाती है। ये लोग कम उम्र की लड़कियों को पहले भावनात्मक रूप से अपने प्रभाव में लेते थे, फिर लव जिहाद, लालच और ब्रेनवॉश के जरिये उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर करते थे। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि इस गिरोह के लिंक पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया), एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं।

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