

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर आतंक का खूनी खेल देखने को मिला। झोब जिले में हथियारबंद हमलावरों ने बस को रोककर 9 यात्रियों को उनकी पहचान पूछने के बाद गोलियों से भून डाला। सभी मृतक पंजाब प्रांत के रहने वाले थे और क्वेटा से लाहौर जा रहे थे। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: बलूचिस्तान के झोब जिले में आतंकवादियों ने एक यात्री बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों से पहचान पूछी और फिर 9 लोगों को गोलियों से भून डाला। सभी मृतक पंजाब प्रांत के अलग-अलग इलाकों से थे और क्वेटा से लाहौर जा रहे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक बलोच विद्रोही गुटों पर है।
नेशनल हाईवे पर हुआ हमला
घटना बलूचिस्तान प्रांत के अशांत झोब इलाके की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल हाईवे से गुजर रही बस को हथियारबंद हमलावरों ने रोका और यात्रियों को नीचे उतारा। इसके बाद उन्होंने पहचान पूछकर 9 यात्रियों को अलग किया और पास से गोली मार दी। सभी की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय प्रशासन की पुष्टि
झोब के असिस्टेंट कमिश्नर नावेद आलम ने बताया कि मारे गए सभी लोग पंजाब के विभिन्न जिलों से थे। उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय अस्पताल भेजा गया है। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन हमलावर फरार हो चुके हैं।
बलूचिस्तान में पहले भी होते रहे हमले
बलूचिस्तान लंबे समय से उग्रवाद और अलगाववादी गतिविधियों से ग्रस्त रहा है। यहां सक्रिय बलोच विद्रोही गुट पाकिस्तान सरकार और सेना पर अत्याचार का आरोप लगाते रहे हैं। वे अक्सर पंजाबी या बाहरी प्रांतों के लोगों को निशाना बनाते हैं। इससे पहले भी इस क्षेत्र में बसों और ट्रेनों पर इस तरह के हमले हो चुके हैं।
इसे आतंकवादी हमला बताया गया
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे "आतंकी हमला" बताया। उन्होंने कहा आतंकियों ने बस को रोका, यात्रियों को उतारा, उनकी पहचान पूछी और 9 मासूमों को बेरहमी से मार डाला। यह कायराना हरकत है, इसके पीछे जो भी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
हमलावर कौन थे, जिम्मेदारी किसने ली?
इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे बलोच विद्रोही संगठन हो सकते हैं, जो वर्षों से पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन चला रहे हैं। पंजाब के लोगों को निशाना बनाना उनकी रणनीति का हिस्सा रहा है।
कानून-व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में आए दिन हो रही हिंसक घटनाएं आम नागरिकों की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुकी हैं।