गोरखपुर: कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती, स्थगन आदेश के बावजूद पीड़ित की जमीन पर अवैध कब्जा

गोला तहसील क्षेत्र के ग्राम बेलपार में भूमिधारी जमीन पर जारी विवाद प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश के बावजूद कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जा कर तेजी से निर्माण कार्य कराए जाने से पूरा मामला गरमा गया है। पीड़ित दयानाथ दूबे ने आरोप लगाया है कि पुलिस कार्रवाई और कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए विपक्षी पक्ष उनकी जमीन पर…पढिए पूरी खबर

गोरखपुर: गोला तहसील क्षेत्र के ग्राम बेलपार में भूमिधारी जमीन पर जारी विवाद प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश के बावजूद कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जा कर तेजी से निर्माण कार्य कराए जाने से पूरा मामला गरमा गया है। पीड़ित दयानाथ दूबे ने आरोप लगाया है कि पुलिस कार्रवाई और कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए विपक्षी पक्ष उनकी जमीन पर दीवार खड़ी कर अब लिंटर तक डालने की तैयारी में है।

क्या है पूरी खबर?

ग्राम सभा गडरी निवासी दयानाथ दूबे की बेलपार टोले में भूमि आराजी संख्या 334 के पास भूमिधारी जमीन है। इसी जमीन पर सटी दलित बस्ती के कुछ लोग कथित रूप से बढ़कर कब्‍ज़ा करने और निर्माण खड़ा करने में जुटे हुए हैं। पीड़ित का कहना है कि वर्ष 2022 में बांसगांव दीवानी न्यायालय ने विपक्षियों पर स्पष्ट रूप से ‘स्टे ऑर्डर’ जारी किया था, जिसके बाद किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं थी। बावजूद इसके विपक्षी पक्ष न केवल जमीन में कब्जा जमाने का प्रयास कर रहा है, बल्कि स्थगन आदेश की खुली अवहेलना करते हुए पक्की दीवार खड़ी कर चुका है।

कई बार निर्माण कार्य रोकने की कोशिश

पीड़ित दयानाथ दूबे का आरोप है कि पुलिस ने कई बार निर्माण कार्य रोकने की कोशिश की, यहां तक कि विपक्षियों के खिलाफ 107/116 की कार्यवाही भी की गई, लेकिन इसके बाद भी निर्माण पूरी तरह नहीं रुक सका। विपक्षी पक्ष के लोग कथित रूप से दबंगई दिखाते हुए कहते हैं कि “हम दलित हैं, हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता,” जो कि न्यायालय और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों के लिए एक खुली चुनौती है।

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कब्जे से अपनी जमीन को बचाने की गुहार

स्थिति को गंभीर होते देख पीड़ित ने अब न्यायालय की अवमानना का मामला (कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट) दायर कर दिया है। बांसगांव न्यायालय में दयानाथ दूबे बनाम फौजदार आदि के नाम से मामला विचाराधीन है। इसके अलावा, उन्होंने एसडीएम को प्रार्थनापत्र देकर न्यायालय के आदेश का पालन कराते हुए अवैध निर्माण रुकवाने और कब्जे से अपनी जमीन को बचाने की गुहार लगाई है।

पीड़ित परिवार लगातार तनाव और भय की स्थिति में

ग्रामीणों का कहना है कि स्थगन आदेश के बावजूद लगातार निर्माण होना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। वहीं, पीड़ित परिवार लगातार तनाव और भय की स्थिति में जी रहा है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने तत्काल और प्रभावी कार्रवाई नहीं की, तो विपक्षी पक्ष पक्का निर्माण कर स्थायी कब्जा कर लेगा, जिससे विवाद और गंभीर रूप ले लेगा।

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गांव में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग कोर्ट के आदेश की ऐसी उपेक्षा को कानून व्यवस्था के लिए एक खतरनाक संकेत मान रहे हैं। पीड़ित अब भी उम्मीद लगाए बैठा है कि प्रशासन समय रहते हस्तक्षेप करेगा और उसे न्याय मिलेगा।

Location : 
  • गोरखपुर

Published : 
  • 1 December 2025, 4:55 PM IST