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गोरखपुर में पारिवारिक विवाद में हिंसक हमला से हडकंप मच गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: जनपद के गोला बाजार थाना क्षेत्र के गोपालपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पारिवारिक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। पीड़ित राजीव जैन पाण्डेय, पुत्र जितेंद्र नाथ पाण्डेय, ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके ही परिवार के कुछ सदस्यों ने उन पर और उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया।
डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार यह घटना 31 मई 2025 की सुबह करीब 9:30 बजे की है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दबंगों द्वारा बेरहमी से पिटाई और परिवार के चीखने-चिल्लाने की मार्मिक तस्वीरें देखकर हर कोई स्तब्ध है।
क्या है पूरा मामला?
राजीव जैन पाण्डेय के अनुसार, सत्यनारायण पाण्डेय, शिवांश पाण्डेय, अश्वनी पाण्डेय और सुशील कुमार पाण्डेय ने पट्टीदारी विवाद को लेकर उन पर और उनके परिवार पर हमला बोल दिया। आरोपियों ने पहले गाली-गलौज और धमकियाँ दीं, फिर लात-घूंसों से मारपीट शुरू की। विरोध करने पर हमलावरों ने लाठी-डंडों से ताबड़तोड़ प्रहार किया, जिसके परिणामस्वरूप राजीव के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनका सिर फट गया। हमलावरों ने जान से मारने की धमकियाँ देते हुए पीड़ित परिवार को भयभीत कर दिया।वायरल
वीडियो ने खोली क्रूरता की पोल
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हमलावरों की बर्बरता साफ दिखाई दे रही है। वीडियो में पीड़ित परिवार की चीखें और दुहाई मांगने की आवाजें सुनाई दे रही हैं, लेकिन हमलावरों की लाठियाँ नहीं रुकीं। यह दृश्य न केवल पारिवारिक विश्वासघात को उजागर करता है, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता की गंभीर समस्या को भी सामने लाता है।
पीड़ित ने की त्वरित कार्रवाई की मांग
शिकायत में राजीव जैन पाण्डेय ने बताया कि इस हिंसक हमले ने उनके और उनके परिवार की जान को खतरे में डाल दिया है। वे भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं। उन्होंने स्थानीय पुलिस से तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि दोषियों के खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। साथ ही, उन्होंने चोटों की चिकित्सकीय जाँच और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
न्याय की उम्मीद
यह घटना न केवल एक परिवार के भीतर टूटते विश्वास की कहानी बयान करती है, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा की प्रवृत्ति को भी दर्शाती है। स्थानीय पुलिस प्रशासन से अपेक्षा है कि पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिले और ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।