छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाले में ED की सिफारिश, दस IAS-IPS अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के कोल लेवी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने 10 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। यह घोटाला 570 करोड़ रुपये के वसूली से जुड़ा है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 28 September 2025, 3:58 PM IST
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Raipur: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी स्कैम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखा है। जिसमें वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। यह पत्र मुख्य सचिव अमिताभ जैन और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) को भेजा गया है। ED के इस कदम से मामला और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि इससे कई उच्च पदस्थ अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।

क्या है कोल लेवी स्कैम?

जानकारी के अनुसार, यह घोटाला लगभग 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी वसूली से जुड़ा है। आरोप है कि कोल परमिट ऑनलाइन मिलने के बजाय अफसरों की मिलीभगत से ऑफलाइन कर वसूली की गई। इस प्रक्रिया के तहत खनिज विभाग के तात्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था, जिसके तहत कोल व्यापारियों से परमिट के नाम पर भारी रकम वसूली जाती थी। व्यापारियों को पी.आई.टी. (परमिट इंडेंट टोकन) और परिवहन पास जारी किए जाते थे, जिससे करोड़ों का घोटाला हुआ।

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मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

इस मामले में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इसके अलावा, आईएएस समीर बिश्नोई, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित दर्जनभर अन्य लोग भी आरोपी हैं। जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ EOW ने एफआईआर दर्ज की थी और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अब तक अधिकांश आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।

घोटाले को लेकर ED की छापेमारी

ED ने शुक्रवार को रायपुर, बिलासपुर और धमतरी में रियल एस्टेट कारोबारी रहेजा ग्रुप और सुल्तानिया ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी का मकसद वित्तीय लेन-देन, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आर्थिक अपराधों की जांच करना था। रायपुर के जवाहर मार्केट स्थित रहेजा ग्रुप के घर और कार्यालय में ED की टीम ने दस्तावेज, फाइलें और वित्तीय रिकॉर्ड्स खंगाले।

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सरकारी अफसरों की भूमिका पर सवाल

ED की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घोटाले में शामिल अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है और उन्होंने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया। 10 आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की सिफारिश से प्रशासन में हलचल मच गई है। राज्य सरकार इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच को और तेज करने की तैयारी में है।

 

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  • Raipur

Published : 
  • 28 September 2025, 3:58 PM IST