

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीज निगम के माध्यम से फंड के गबन की आशंका पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने रायपुर समेत राज्य के 18 ठिकानों पर छापेमारी की है। जांच के दायरे में ठेकेदारों और बिचौलियों के ठिकाने शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय
Raipur: छत्तीसगढ़ में बीज निगम से जुड़े एक कथित फंड घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार सुबह बड़ी कार्रवाई शुरू की। ईडी की टीमों ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और आसपास के जिलों में 18 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के कथित दुरुपयोग और कृषि उपकरणों की आपूर्ति में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत की जा रही है। ईडी की इस कार्रवाई ने राज्य में हड़कंप मचा दिया है और कई बड़े कारोबारियों के नाम इस मामले में सामने आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने एक साथ 18 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें व्यापारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों के आवास और कार्यालय शामिल हैं। रायपुर में शंकर नगर स्थित प्रमुख व्यवसायी विनय गर्ग के घर पर सुबह-सुबह ईडी की टीम पहुंची। गर्ग का संबंध कृषि उपकरणों की आपूर्ति और संविदा कार्यों से बताया जा रहा है। उनके आवास पर 8 से 10 अधिकारियों की टीम ने केंद्रीय सशस्त्र बलों के साथ मिलकर तलाशी शुरू की।
इसके अलावा, रायपुर के अमलीडीह क्षेत्र में लविस्टा कॉलोनी में पवन पोदार के निवास पर भी छापेमारी हुई। पोदार एक ट्रैक्टर एजेंसी चलाते हैं और कृषि मशीनों की सप्लाई में सक्रिय हैं। प्रारंभिक जांच में उनके कारोबार से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
छापेमारी का दायरा केवल रायपुर तक सीमित नहीं रहा। दुर्ग और भिलाई में भी कई कारोबारी प्रतिष्ठानों पर ईडी की टीमें सक्रिय रहीं। बिलासपुर में दो प्रमुख व्यापारिक इकाइयों पर तलाशी अभियान चलाया गया। सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और कृषि सामग्री आपूर्ति में बड़े पैमाने पर हुए कथित घोटाले की जांच से जुड़ी है। डीएमएफ फंड का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके गलत उपयोग की शिकायतें बार-बार सामने आई हैं।
ईडी की जांच में फर्जी बिलिंग, अनुचित मूल्यांकन और बिचौलियों के जरिए फंड के हेरफेर की आशंका जताई जा रही है। कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, बीज, और कीटनाशकों की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी की बात सामने आई है। ईडी की टीमें इन ठिकानों पर डिजिटल उपकरण, लेन-देन रजिस्टर, बैंक स्टेटमेंट्स और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं। स्थानीय पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों का सहयोग भी इस अभियान में लिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह सर्च ऑपरेशन देर रात तक जारी रह सकता है।