

मैनपुरी जिले के करहल थाना क्षेत्र में एक जमीनी विवाद के चलते जातिगत हिंसा का मामला सामने आया है। 11 अगस्त को गांव उस्थान में कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार के घर के सामने रास्ता बंद करने के लिए नींव भर दी। इस विरोध को लेकर आरोपियों ने राधा देवी बाल्मीकि और उनके परिवार पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। हमला करने वाले आरोपियों ने पीड़ित परिवार को जातिसूचक गालियां दीं और धमकी दी कि वे गांव में उनका जीवन बर्बाद कर देंगे।
दलित परिवार पर हमला
Mainpuri News: मैनपुरी के करहल थाना क्षेत्र के गांव उस्थान में 11 अगस्त को एक जमीनी विवाद ने जातिगत हिंसा का रूप ले लिया। आरोप है कि कुछ दबंगों ने दलित परिवार के घर के सामने रास्ता बंद करने के लिए नींव भर दी। जब परिवार ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने राधा देवी बाल्मीकि और उनके परिवार पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इस हमले में उनकी बेटी कविता के सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि उनके पति और बहू भी घायल हो गए।
जातिसूचक गालियां और धमकी
आरोपियों ने सिर्फ शारीरिक हमले तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जातिसूचक गालियां भी दीं और धमकी दी कि उनका परिवार गांव में नहीं रह सकेगा। आरोपियों के इस कृत्य ने जातीय तनाव को और बढ़ा दिया। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने एसपी को शिकायत दी, लेकिन उनका कहना है कि थाना पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
सोशल मीडिया पर हंगामा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे मामले में और अधिक चर्चा शुरू हो गई। वीडियो में आरोपियों द्वारा पीड़ित परिवार पर हमला करते हुए और जातिसूचक टिप्पणियां करते हुए दिखाया गया है। वायरल वीडियो के बाद, इलाके के लोग और राजनीतिक पार्टियां इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दे रही हैं।
एएसपी का बयान
मामले में एएसपी ग्रामीण राहुल मिठास ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम उरथान में ग्राम समाज की भूमि को लेकर दो पक्षों के बीच रास्ता निकालने को लेकर विवाद हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की है और राजस्व टीम के साथ क्षेत्र का दौरा कर भूमि के अधिकारों की जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो भूमि ग्राम समाज की है या जिस पर अधिकार है, उसकी जानकारी के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि थाना पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे न्याय का सवाल उठता है। परिवार का कहना है कि आरोपियों ने उनके साथ जातिगत भेदभाव किया और उन्हें समाज में अपमानित करने की कोशिश की। स्थानीय लोगों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन से इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।