

वाराणसी में पीड़ितों ने प्रेसवार्ता कर सूदखोरी गैंग का पर्दाफाश किया। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पीड़ितों ने की प्रेसवार्ता ( सोर्स - रिपोर्टर )
वाराणसी: लंका थाना क्षेत्र में सूदखोरी के शिकार हुए कई लोगों ने रविवार को कैंट इलाके के एक होटल में प्रेसवार्ता कर अपना दल कमेरावादी से जुड़े कुछ लोगों पर अवैध वसूली, धमकी, और फर्जी मुकदमे में फंसाने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि यह लोग एक संगठित सूदखोरी गैंग की तरह काम करते हैं और पुलिस की मिलीभगत से आम लोगों का मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक प्रेसवार्ता के दौरान मेदिनी सिंह, संतोष कुमार यादव और सूरज वर्मा ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पहले जरूरत के तहत आरोपियों से पैसे उधार लिए थे, लेकिन बाद में सूदखोरों द्वारा उनसे असल रकम से कई गुना ज़्यादा वसूली की गई। मेदिनी सिंह ने बताया कि आरोपी सुधीर राय ने उनके पति प्रदीप सिंह के गाड़ी के लोन अकाउंट में ₹3 लाख जमा किया, लेकिन बदले में जबरन उनकी टाटा सफारी स्टॉर्म गाड़ी अपने पास रख ली। साथ ही उनकी पत्नी स्नेहा सिंह के जॉइंट अकाउंट में ₹1,28,000 भी ट्रांसफर किया गया था।
सूरज वर्मा ( पीड़ित )
मेदिनी ने आगे बताया कि उन्होंने अब तक ₹5,24,300 नकद और ऑनलाइन भुगतान कर दिया है, फिर भी सुधीर राय ने सिक्योरिटी के तौर पर लिए गए 5 चेक में से एक ₹3 लाख का चेक बाउंस कराकर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लंका थाना प्रभारी की मिलीभगत से उनके और उनके पति के खिलाफ फर्जी मुकदमे कराए गए, जिससे मजबूरन उन्हें कोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल लेनी पड़ी।
मेदिनी सिंह ( पीड़िता )
संतोष कुमार यादव ने बताया कि एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें सुधीर राय लंका थाना प्रभारी से ₹50 लाख तीन प्रतिशत ब्याज पर लेने की बात कर रहे हैं। यह ऑडियो इस बात का प्रमाण है कि थाना प्रभारी और सूदखोर गैंग के बीच मिलीभगत है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर थानाध्यक्ष की कोई भागीदारी नहीं है, तो अब तक सुधीर राय और उसके सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
संतोष कुमार यादव ( पीड़ित )
पीड़ितों ने मुख्यमंत्री और डीजीपी से गैंग की जांच कराने और थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। वाराणसी में इस तरह के संगठित अपराध और पुलिस की निष्क्रियता से आमजन में गहरा आक्रोश है।