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पांच महिला सहित 15 पुरुष नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया और आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित में से चार माओवादी पर 8-8 लाख, दो माओवादी पर 5-5 लाख, एक माओवादी पर 3 लाख, एक माओवादी पर दो लाख और एक माओवादी पर एक लाख रुपए के इनाम घोषित थे।
15 नक्सलियों ने सरेंडर किया
Raipur: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को सोमवार को बड़ी सफलता मिली, जहां सुकमा में 15 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया। सुकमा में 48 लाख के इनामी 15 सक्रिय माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने खुद को सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पित माओवादियों में पीएलजीए बटालियन नंबर 1 में सक्रिय 4 हार्डकोर माओवादी समेत अन्य क्षेत्रों के नक्सली शामिल हैं।
पांच महिला सहित 15 पुरुष नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया और आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित में से चार माओवादी पर 8-8 लाख, दो माओवादी पर 5-5 लाख, एक माओवादी पर 3 लाख, एक माओवादी पर दो लाख और एक माओवादी पर एक लाख रुपए के इनाम घोषित थे।
पूना मरघम बस्तर रेंज पुलिस द्वारा शुरू की गई एक रिहैबिलिटेशन पहल है। पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बटालियन नंबर 1 के चार हार्डकोर कैडर, माडवी सन्ना (28), उसकी पत्नी सोडी हिडमे (25), सूर्यम उर्फ रव्वा सोमा (30) और उसकी पत्नी मीना उर्फ माडवी भीमे (28), जिन पर हर एक पर 8 लाख रुपये का इनाम था, हिंसा छोड़ने वालों में शामिल थे। इसके अलावा दो एरिया कमेटी मेंबर के तौर पर एक्टिव थे और हर एक पर 5 लाख रुपये का इनाम था, एक माओवादी पर 3 लाख रुपये का इनाम था, जबकि दो और पर 2 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस ने कहा कि सरेंडर करने वाले कैडरों को 50,000 रुपये की मदद दी गई और सरकार की पॉलिसी के मुताबिक उनका पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 23 महीनों में छत्तीसगढ़ में टॉप कैडरों समेत 2,150 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है।