

लखनऊ में आज सुबह एक साथ 3 अर्थियां उठीं। यह देखते ही चीख-पुकार मच गई। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
लखनऊ के परिवार की राजस्थान में मौत
लखनऊ: शहर के नगराम थाना क्षेत्र के हरदोइया बाजार गांव में शुक्रवार सुबह का दृश्य बेहद मार्मिक था। रामबाबू के घर से एक साथ तीन अर्थियां उठीं—पत्नी रामलली, बड़ा बेटा राहुल और मंझला बेटा नितिन।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, खाटू श्याम दर्शन के लिए गए परिवार की कार को राजस्थान में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें तीनों की मौत हो गई थी। तीनों के शव जब गांव पहुंचे, तो कोहराम मच गया।
बहू को नहीं है पति की मौत की जानकारी
हादसे में राहुल की पत्नी बिंदिया, बेटा और साला रंजीत घायल हो गए थे। इलाज के बाद बिंदिया को पीजीआई ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज कर मायके उदयपुर भेज दिया गया है। अभी तक उसे पति की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। चार साल पहले राहुल और बिंदिया की शादी धूमधाम से हुई थी।
"मैंने मना किया था, फिर भी चले गए"
रामबाबू बार-बार बेहोश हो जा रहे हैं। होश में आते ही कहते हैं, "मैंने रामलली को जाने से मना किया था पर बच्चों के कहने पर चली गई।" पांच दिन से खाटू श्याम जाने की योजना बन रही थी। मां को शुरुआत में नहीं ले जाना था, लेकिन राहुल की जिद पर रामलली भी साथ चली गईं।
टायर फटने से हुआ हादसा
राहुल के साले रंजीत ने बताया, "ट्रक का टायर फटा और वह हमारी लेन में आ गया। हादसे के बाद कुछ लोगों ने जीजा की सोने की चेन और जेब के पैसे निकाल लिए। कोई मदद नहीं कर रहा था। पुलिस भी देर से आई।"
एक्सप्रेसवे पर एम्बुलेंस हुई खराब
राजस्थान से शव लाते समय आगरा एक्सप्रेसवे पर एम्बुलेंस खराब हो गई। चार घंटे इंतजार के बाद दूसरी एम्बुलेंस से शवों को लखनऊ लाया गया। बदबू के कारण शव सीधे श्मशान घाट ले जाए गए। गांव में सुबह ढाई बजे तीन मिनट के लिए शव दिखाए गए। गुरुवार को गांव में दो घरों में बारात आई थी। लेकिन रामबाबू के घर मातम को देखते हुए बारात बिना डीजे और शोर-शराबे के निकाली गई। युवाओं ने खुद डीजे बंद करवा दिया।
कुछ दिनों बाद बजनी थी शहनाई
राहुल ने लखनऊ के अर्जुनगंज में घर बनवाया था। वहीं रहने का प्लान था। छोटे भाई विशाल की हाईकोर्ट में जॉब लगी थी और नितिन का रोका खाटू श्याम दर्शन के बाद तय था। कुछ दिन बाद शहनाई बजनी थी, लेकिन अब पूरा परिवार मातम में डूबा है।
छह महीने में दूसरी बार गांव ने देखीं तीन अर्थियां
हरदोइया बाजार गांव में छह महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब एकसाथ तीन अर्थियां उठी हैं। दिसंबर 2024 में भी एक सड़क हादसे में मास्टर सीताराम के परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। अब फिर वही मंजर दोहराया गया। गांव में शोक की लहर है, हर चेहरा ग़मगीन है।