

दिल्ली के पुसा रोड स्थित एक बड़े गोल्ड शोरूम में नकली ई-वाउचर के जरिए ठगी की कोशिश करने वाले दो युवकों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पहली बार में दोनों युवक 2 लाख रुपये के सोने के सिक्के खरीदने में सफल रहे, लेकिन अगली ही बार में उनकी चालाकी पकड़ी गई।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने लाया है, जिसमें राजस्थान से आए दो युवकों ने लाखों रुपये के नकली ई-वाउचर का इस्तेमाल कर गोल्ड शोरूम में ठगी की कोशिश की। यह घटना सेंट्रल दिल्ली के पुसा रोड इलाके की है, जहां एक प्रतिष्ठित सोने के शोरूम में ये दोनों युवक महज दो दिनों में 10 लाख रुपये की ठगी करने पहुंचे थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान महेंद्र सिंह (26 वर्ष) और संदीप सिंह राठौर (25 वर्ष) के रूप में हुई है, दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को दोनों युवक पहली बार शोरूम पहुंचे और उन्होंने नकली ई-वाउचर का इस्तेमाल कर दो लाख रुपये के दो सोने के सिक्के खरीद लिए। यह लेन-देन इतनी सफाई से हुआ कि शोरूम स्टाफ को किसी तरह का शक नहीं हुआ।
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ठगी में पहली बार सफलता मिलने के बाद दोनों आरोपी अगले ही दिन यानी 26 अगस्त को फिर से उसी शोरूम में लौटे। इस बार वे 8 लाख रुपये के नकली ई-वाउचर लेकर आए। लेकिन इस बार शोरूम के स्टाफ को उनके व्यवहार पर संदेह हुआ। जब वाउचर की जांच की गई, तो वे फर्जी पाए गए। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
घटना की जानकारी देते हुए डीसीपी निदिन वालसन ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ राजिंदर नगर थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 3(5) (साझा अपराध दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
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पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के पहाड़गंज स्थित होटल रूम में छापा मारा। वहां से पुलिस को पहले खरीदे गए दो सोने के सिक्के (प्रत्येक 10 ग्राम) और ₹54,500 नकद मिले। यह सामान आरोपियों ने पहली बार की ठगी में जुटाया था।
जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी जयपुर के एक शख्स शशांक के संपर्क में थे। शशांक ने ही उन्हें ईमेल के जरिए नकली ई-वाउचर भेजे थे और उन्हें दिल्ली जाकर गोल्ड शोरूम में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था। पुलिस अब इस मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।
डीसीपी ने यह भी खुलासा किया कि महेंद्र सिंह पहले भी एक बड़े ठगी मामले में शामिल रहा है। साल की शुरुआत में उसने जयपुर में सोशल मीडिया के जरिए लोगों को 'सेकेंड करेंसी' में निवेश का झांसा दिया था। उसने लोगों से पैसे लेकर 5 गुना रिटर्न का वादा किया। लेकिन अंत में उन्हें पैसों की जगह साबुन से भरे पैकेट थमा दिए गए।
फिलहाल दिल्ली पुलिस इस पूरे गिरोह की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है। पुलिस को शक है कि यह कोई एक-दो लोगों का काम नहीं, बल्कि एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है जो देशभर में नकली वाउचर के जरिए महंगे सामानों की ठगी करता है। शशांक की तलाश के लिए राजस्थान पुलिस से भी संपर्क किया गया है।