New Labour Code: केंद्र सरकार ने खत्म किए 29 पुराने श्रम कानून, महिलाओं और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को मिलेंगे नए अधिकार

भारत सरकार ने 29 पुराने श्रम कानून खत्म कर 21 नवंबर से चार नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं। नए नियमों से 40 करोड़ से अधिक कामगारों को सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य जांच और ओवरटाइम जैसे लाभ मिलेंगे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 November 2025, 1:41 PM IST
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New Delhi: भारत में श्रम सुधारों को लेकर सबसे बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने पुराने 29 श्रम कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं। ये कोड 21 नवंबर से पूरे देश में लागू हो गए हैं। सरकार का दावा है कि यह कदम रोजगार व्यवस्था, कर्मचारी सुरक्षा और उद्योगों के ढांचे को नई दिशा देगा।

इससे देश के 40 करोड़ से अधिक कामगारों को पहली बार व्यापक सामाजिक सुरक्षा का दायरा मिलेगा। इन सुधारों को Code on Wages 2019, Industrial Relations Code 2020, Social Security Code 2020 और Occupational Safety, Health and Working Conditions Code 2020 के तहत लागू किया गया है।

आधुनिक कार्यस्थलों के लिए नए नियम

पुराने श्रम कानून 1930–1950 के बीच बने थे, जब गिग वर्क, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जॉब्स और प्रवासी श्रमिकों की आधुनिक अवधारणाएं अस्तित्व में नहीं थीं। नए लेबर कोड इन सभी श्रेणियों को कानूनी मान्यता और सुरक्षा देते हैं। इससे उन लाखों कामगारों को फायदा होगा जिनकी आज तक कोई स्पष्ट पहचान या सुरक्षा ढांचा नहीं था।

हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र की गारंटी

नए कोड के तहत कंपनियों को हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य है। इसके साथ ही न्यूनतम वेतन पूरे देश में लागू होगा और देरी से वेतन देना कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इससे श्रमिकों को समय पर और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित होगा।

40+ उम्र वाले कर्मचारियों के लिए साल में एक बार फ्री हेल्थ चेकअप और खनन, केमिकल, निर्माण और अन्य जोखिमपूर्ण उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब साल में एक बार मुफ्त मेडिकल चेकअप मिलेगा। यह सुविधा उन श्रमिकों के लिए खास है जो लगातार स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करते हैं।

अब 1 साल नौकरी पर भी मिलेगी ग्रेच्युटी

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि पहले जहां ग्रेच्युटी केवल 5 साल नौकरी करने के बाद मिलती थी, अब सिर्फ 1 साल की स्थायी नौकरी पर ही ग्रेच्युटी देने का प्रावधान है। इससे प्राइवेट सेक्टर के कामगारों को सीधा फायदा होगा।

महिलाओं के लिए नए अधिकार

महिलाएं अब सहमति और सुरक्षा प्रबंधों के साथ नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। समान वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल का प्रावधान भी शामिल है। ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को भी समान अधिकार दिए गए हैं, जो भारतीय रोजगार प्रणाली में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार कानूनी सुरक्षा

Ola–Uber ड्राइवर, Zomato–Swiggy डिलीवरी पार्टनर, ऐप-बेस्ड वर्कर और लाखों गिग वर्कर्स को पहली बार कानूनी सामाजिक सुरक्षा मिली है। एग्रीगेटर कंपनियों को अब अपने टर्नओवर का 1–2% सामाजिक सुरक्षा फंड में योगदान देना होगा। UAN लिंक होने के कारण राज्य बदलने पर भी लाभ जारी रहेंगे।

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महिलाओं और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए नए अधिकार (Img source: freepik)

ओवरटाइम अब डबल रेट पर

कर्मचारी ओवरटाइम का भुगतान अब दुगुना वेतन दर पर प्राप्त करेंगे। इससे ओवरटाइम वर्क में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगी।

  • कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को स्थायी कर्मचारियों जैसे अधिकार
  • पहली बार कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को
  • न्यूनतम वेतन
  • सामाजिक सुरक्षा
  • रोजगार सुरक्षा

जैसे लाभ मिलेंगे। प्रवासी श्रमिक भी सुरक्षा ढांचे में शामिल होंगे।

कंपनियों के लिए नियम आसान

सभी उद्योगों के लिए सिंगल लाइसेंस, सिंगल रजिस्टर और सिंगल रिटर्न सिस्टम लागू होगा। इससे अनुपालन आसान होगा और कंपनियों का समय और संसाधन बचेगा।

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विवादों के समाधान की नई व्यवस्था

अब इंस्पेक्टर की जगह इंस्पेक्टर-कम-फैसिलिटेटर नियुक्त होंगे, जो मार्गदर्शन पर फोकस करेंगे। श्रमिक विवादों के लिए दो-सदस्यीय ट्राइब्यूनल बनाए जाएंगे, जहाँ कर्मचारी सीधे शिकायत दर्ज कर सकेंगे।

सरकार का कहना है कि ये लेबर कोड विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के लिए मजबूत आधार तैयार करेंगे। नए नियमों से न सिर्फ कामगारों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि उद्योगों के लिए भी काम करना आसान होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलने की उम्मीद है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 22 November 2025, 1:41 PM IST