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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए निजी दफ्तरों के लिए 50 प्रतिशत ऑन-साइट वर्कफोर्स कैपेसिटी पर काम करने की एडवाइजरी जारी की है। इस दौरान बाकी स्टाफ घर से काम करना जारी रखेंगे। यह फैसला एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) के नए निर्देशों के मुताबिक लिया गया है।
प्रतीकात्मक छवि
New Delhi: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए निजी दफ्तरों के लिए 50 प्रतिशत ऑन-साइट वर्कफोर्स कैपेसिटी पर काम करने की एडवाइजरी जारी की है। इस दौरान बाकी स्टाफ घर से काम करना जारी रखेंगे। यह फैसला एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) के नए निर्देशों के मुताबिक लिया गया है।
यह कदम एहतियात के तौर पर लिया गया है ताकि प्रदूषण की स्थिति को संतुलित किया जा सके। फिलहाल दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण के नियम लागू हैं। दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्रदूषण काे नियंत्रित करने को लेकर हो रहे प्रयासों के तहत उसके 2,000 से ज़्यादा प्रवर्तन कर्मी अलग-अलग एजेंसियों से मिलकर 24×7 ग्राउंड पर काम कर रहे हैं। अब तक 1,200 से ज़्यादा निर्माण स्थलों और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का निरीक्षण किया जा चुका है।
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इनमें से 200 से ज़्यादा को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं और 50 स्थलों को तुरंत बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। सरकार ने प्राइवेट कंपनियाें से अपील की है कि वे इस एडवाइजरी को सभी शाखाओं और टीमों तक पहुंचाएं और इसका पालन सुनिश्चित करें। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि ग्रैप-तीन के दौरान दिल्ली सरकार हर जरूरी कदम तेज़ी से उठा रही है।
कहा कि हमारा फोकस साफ हवा, पब्लिक हेल्थ और ग्राउंड पर रियल टाइम मॉनिटरिंग का है।मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्तर पर लगातार नज़र रख रही है और हालात को बेहतर करने के लिए ज़रूरी फैसले तुरंत ले रही है।
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पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार एयर पॉल्यूशन से निपटने और इसके असर को कम करने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह पक्का करना है कि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए असरदार कदम तुरंत लागू किए जाएं। साथ ही यह भी पक्का किया जाए कि दिल्ली के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी जितना हो सके बिना रुकावट के चलती रहे।